कानपुर में फर्जीवाड़ा : 2002 में मरे व्यक्ति ने 2024 में की रजिस्ट्री

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Published By Virendra Pandey
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कार्यालय संवाददाता, कानपुर, अमृत विचार। संपत्ति कब्जाने के लिए शातिर ने 22 साल पहले मरे व्यक्ति की जगह दूसरे को खड़ा करके रजिस्ट्री करवा ली। फर्जी हस्ताक्षर के साथ फोटो और पहचान का भी इस्तेमाल किया। रजिस्ट्री कराकर जमीन पर मौजूदा समय में काबिज बुजुर्ग को भी उसके मकान पर धमकाने पहुंच गए, उसे मकान खाली करने की धमकी दी। बुजुर्ग ने पुलिस से शिकायत की तो टरका दिया गया। इस पर कोर्ट की शरण ली। न्यायालय ने दस्तावेज देखने के बाद सज्ञान लिया और आरोपी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश दिए। कोतवाली पुलिस ने धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की है।  

साकेतनगर निवासी 70 वर्षीय बुजुर्ग छोटेलाल के अनुसार 1982 में संपत्ति मालिक हंसराज डंग ने 24 हजार रुपये लेकर डब्लू-वन ब्लाक में उनसे 200 वर्गगज प्लाट का एग्रीमेंट किया था। 1983 में वह उनके नाम प्लाट लिखकर भोपाल चले गए। पता चला कि 14 फरवरी 2002 को उनका वहीं निधन हो गया। बुजुर्ग छोटेलाल ने आरोप लगाया कि प्रवीन तलवार व उसके बेटे रचित एवं पप्पू सविता ने हंसराज के निधन के बाद उनके फर्जी हस्ताक्षर, फोटो व पहचान का प्रयोग करके जमीन की रजिस्ट्री अपने नाम करा ली। हंसराज की जगह किसी अन्य व्यक्ति को भी खड़ा किया। हर तरह से फर्जीवाड़ा किया। रजिस्ट्री भी हंसराज की मौत के 22 साल बाद 19 अक्टूबर 2024 को कराई।

 इसके बाद मार्च 2025 को आरोपी अपने साथियों के साथ उनके घर आए और फर्जी दस्तावेज दिखाकर जल्द से जल्द मकान खाली करने की धमकी दी। इस पर उन्होंने अपने बेटे को हसंराज के घर जानकारी के लिए भेजा तो पता चला कि 2002 में उनकी मृत्यु हो चुकी है। इसकी शिकायत उन्होंने पुलिस से की, लेकिन राजनीतिक दबाव में आकर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इस पर उन्होंने कोर्ट की शरण ली और पूरी बात दस्तावेजों के माध्यम से कोर्ट में रखा। जिसके बाद कोर्ट के आदेश पर कोतवाली पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज की। कोतवाली थाना प्रभारी जगदीश पांडेय ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्जकर जांच व कार्रवाई की जा रही है।

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