बरेली प्रदेश में कानपुर के बाद दूसरा सबसे ठंडा शहर

Amrit Vichar Network
Published By Pradeep Kumar
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तापमान लुढ़कने से घना कोहरा छाया, दृश्यता प्रभावित, ठंड बढ़ी

बरेली, अमृत विचार। जिले में गुरुवार सुबह सीजन के घने कोहरे ने आम जनजीवन को प्रभावित किया। बरेली प्रदेश में कानपुर के बाद दूसरा सबसे ठंडा शहर रहा। न्यूनतम तापमान सामान्य से 3.7 डिग्री कम रहते हुए 7.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि अधिकतम तापमान भी 21.1 डिग्री पर रहा, जो सामान्य से 3.2 डिग्री कम है। मौसम विभाग के अनुसार आगामी दिनों में रात के पारे में 2 से 3 डिग्री बढ़ोत्तरी के आसार हैं।

बरेली में आगामी दिनों में सुबह के समय धना कोहरा छाया रहेगा। गुरुवार सुबह आर्द्रता 95 और शाम को 88 प्रतिशत रिकार्ड हुई। इससे कोहरे की घनत्व में और बढ़ोतरी हुई। दृश्यता कम होने से सुबह सड़क यातायात धीमा चलता रहा। मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक अतुल कुमार के अनुसार अगले चार से पांच दिन घना कोहरा छाया रहेगा। विभाग की ओर से सुबह के समय यात्रा के दौरान सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।

नगर निगम : टीम इलेवन सर्दी में खुले में सोने वालों को पहुंचाएगी रैन बसेरे तक, ठंड से मिलेगी राहत
खुले में सड़क किनारे रात गुजारने वालों को ठंड से बचाने के लिए नगर निगम ने नई पहल की है, जिसके तहत टीम इलेवन गठित की है, जो ऐसे लोगों को चिह्नित कर उन्हें रैन बसेरे तक पहुंचाएगी। अफसरों के अनुसार आगामी 10 दिन में इसको लेकर अभियान शुरू कर दिया है।  नगर आयुक्त संजीव कुमार मौर्य ने बताया कि शहर में 11 स्थानों पर स्थाई और अस्थाई रैन बसेरे हैं। इसके बाद भी पूर्व वर्षों में निरीक्षण के दौरान देखा गया कि कई लोग सड़कों पर खुले में सो रहे हैं। इससे ठंड की चपेट में आने से जान का जोखिम भी है। जिसके चलते स्वास्थ्य, पर्यावरण समेत अन्य विभागों के 11 सदस्यों की टीम बनाई गई है, जो शहर में रात में 10 बजे से 12 बजे तक प्रमुख चौराहों, सड़कों समेत अन्य इलाकों का भ्रमण कर ऐसे लोगों को चिह्नित  कर रैन बसेरे तक पहुंचाएगी। टीम में शामिल 11 सदस्यों में हर दिन अलग-अगल तीन लोगों की टीम को निगरानी के लिए आदेशित किया गया है।

इसलिए यह पहल की गई
नगर आयुक्त बताते हैं बीते साल आवास से निरीक्षण के दौरान निकलने पर एक युवक नगर निगम के ठीक सामने रोड पर कपड़ा बिछाकर सोता मिला था। जब उससे पास जाकर पूछा तो उसे रैन बसेरा क्या होता है, कहां बना है, इसकी जानकारी तक नहीं थी। इसके बाद से ही जरूरतमंदों का ठंड से बचाव करने की बात जहन में आई। इसलिए टीम इलेवन का गठन किया गया।

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