Rampur: आजम खां की भाभी सलमा शहनाज का निधन, किया गया सुपुर्द-ए-खाक

Amrit Vichar Network
Published By Monis Khan
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रामपुर, अमृत विचार। पूर्व मंत्री मोहम्मद आजम खां की भाभी सलमा शहनाज (70 वर्ष) का सोमवार सुबह निधन हो गया। आजम खां के बड़े भाई शरीफ खां पेशे से इंजीनियर रहे हैं। उनकी भाभी मुरादाबाद के साईं अस्पताल में भर्ती थी।

सोमवार सुबह करीब 5:30 बजे आखिरी सांस ली। उन्होंने भरापुरा परिवार छोड़ा है। सोमवार की शाम नम आंखों के बीच उन्हें आबाई कब्रिस्तान में सुपुर्दे खाक कर दिया गया। इससे पहले मुमताज पार्क के सामने मौलाना अखलाक अहमद ने नमाजे जनाजा अदा कराई। वो किडनी की बिमारी से पीड़ित थी, उनका दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में इलाज चल था। तीन दिन पहले तबीयत बिगड़ने पर उन्हें मुरादाबाद के अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 

उनकी हालत बिगड़ने की सूचना पर दुबई से बड़े बेटे मोहम्मद उमर सपरिवार रामपुर आ गए थे। जबकि छोटे बेटे मोहम्मद बिलाल परिवार सहित रामपुर में ही रहते हैं। सोमवार सुबह जैसे सलमा शहनाज की मौत की खबर सुनकर शहर के लोग मोहल्ला मीरबाज खां स्थित उनके आवास पर पहुंचे। सोमवार शाम अस्र की नमाज के बाद उनकी नमाजे जनाजा अदा की गई। जनाजे में चमरौआ विधायक नसीर खां, मोनिस मियां, शरीफ खां, मोहम्मद उमर, मोहम्मद बिलाल, आसिम खां, नाजिम खां, आसिम राजा, सुरेंद्र सागर, मामून शाह खां, हाफिज अब्दुल सलाम, मुकर्रम हुसैन सिद्दीकी, फरहान खां, फिरासत खां, डॉ. शायर उल्ला खां, अमरजीत सिंह, विजय सिंह, सतनाम सिंह मट्टू, अमित शर्मा, मुकर्रम रजा इनायती, ओमेंद्र चौहान आदि शामिल रहे।  

आजम खां ने जनाजे में शामिल होने की जताई थी इच्छा
रामपुर जिला कारागार में सजा काट रहे आजम खां ने भाभी सलमा शहनाज की मौत की खबर सुनकर जनाजे में शामिल होने की इच्छा जताई थी। जिलाधिकारी अजय कुमार द्विवेदी को आजम खां की ओर से प्रार्थनापत्र दिया गया था। लेकिन नियमों के अनुसार उनको मिलने की इजाजत नहीं दी गई। रामपुर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सतनाम सिंह मट्टू ने बताया कि हमने दोपहर 11:30 बजे जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र दिया था। उनके भांजे फरहान खान की ओर से मामी की मृत्यु का हवाला दिया गया। दोपहर 2 बजे से लेकर 6 बजे तक पुलिस कस्टडी में पैरोल देने की मांग की, लेकिन जिलाधिकारी ने इसकी इजाजत नहीं दी। हालांकि फरहान खान ने इसे संवैधानिक अधिकारों के खिलाफ बताया है। मामले में जिलाधिकारी अजय कुमार द्विवेदी ने बताया कि नियमों के अनुसार खून के रिश्ते में किसी का निधन होता तो जनाजे में शामिल हो सकते थे।

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