'अमेरिकी टैरिफ से भदोही का कार्पेट व्यापार तबाह', बोले राहुल गांधी- प्रधानमंत्री ने बुनकरों की समस्याओं को लेकर मूंद रखी हैं आंखें
नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश में भदोही के कालीन उद्योग से जुड़े लोगों की समस्याओं का उल्लेख करते हुए बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुनकरों की समस्याओं को लेकर आंखें मूंद ली हैं।
कांग्रेस नेता ने अपने ‘जनसंसद’ कार्यक्रम में भदोही के बुनकरों के कुछ प्रतिनिधियों से मुलाकात का एक वीडियो फेसबुक पर जारी किया और यह भी कहा कि अमेरिका की ‘‘भारत-विरोधी टैरिफ़ नीति’’ का भयंकर असर देश के कई उद्योगों पर पड़ा है और भदोही का कार्पेट व्यापार भी उससे लगभग तबाह हो गया है।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी समाज के विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिनिधियों से इन दिनों मुलाकात कर रहे हैं और इसे उन्होंने ‘जनसंसद’ नाम दिया है। उन्होंने फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘‘मैंने पहले ही कहा था - “ट्रंप के टैरिफ़ एक आर्थिक तूफ़ान बनकर आने वाले हैं, जिससे करोड़ों लोगों को नुक़सान होगा, मगर नरेन्द्र मोदी छुप कर बैठे हैं। आज भदोही के बुनकर उसी चेतावनी की ज़मीनी सच्चाई बयान कर रहे हैं।’’
राहुल गांधी ने कहा, ‘‘जनसंसद में भदोही के बुनकरों से मुलाक़ात हुई - उन्होंने अपने हाथों से बनाया हुआ एक सुंदर कालीन भेंट किया, जिसमें उनके हुनर, मेहनत और सदियों पुरानी कला की झलक साफ़ दिखाई देती है। उन्होंने बताया कि कभी ‘कार्पेट सिटी’ कहलाने वाला भदोही आज बदहाली का शिकार है।’’
उन्होंने कहा कि अमेरिका की भारत-विरोधी टैरिफ़ नीति का भयंकर असर देश के कई उद्योगों पर पड़ा है, और भदोही का कार्पेट व्यापार भी उससे लगभग तबाह हो गया है। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, ‘‘दुर्भाग्य यह है कि सरकार ने इस उद्योग को संभालने या पुनर्जीवित करने के लिए- न विदेश नीति द्वारा, न किसी राष्ट्रीय योजना से - कोई ठोस क़दम उठाया है।’’
राहुल गांधी का कहना है कि नतीजा यह है कि निर्यात लगातार घट रहा है और कारोबार बांग्लादेश, पाकिस्तान और नेपाल जैसे देशों की ओर स्थानांतरित हो रहा है। उन्होंने दावा किया, ‘‘यह सब प्रधानमंत्री के ही संसदीय क्षेत्र की सच्चाई है - जहां बुनकर आज कह रहे हैं ‘चिराग़ तले अंधेरा’, क्योंकि मोदी जी ने उनकी तकलीफ़ों से आंखें मूंद ली हैं।’’
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘सदियों पुरानी यह कला, जो उनके व्यापार का आधार है, भारत की पहचान है और लाखों लोगों की रोज़ी-रोटी का साधन है, आज शोषण और सरकारी उपेक्षा का शिकार है। हालात इतने खराब हैं कि इन मेहनतकश परिवारों को सस्ती और सुलभ स्वास्थ्य सुविधाएं तक उपलब्ध नहीं हैं।’’ नेता प्रतिपक्ष ने कहा, ‘‘यही वे छोटे उद्योग और छोटे व्यवसाय हैं जिनकी मैं लगातार बात करता हूं, जो रोज़गार पैदा करते हैं, अर्थव्यवस्था को मज़बूत करते हैं और देश को आगे बढ़ाते हैं।’’
राहुल गांधी ने इस बात पर जोर दिया कि अब ज़रूरत है कि नीतियों और आर्थिक सहयोग के ज़रिए शक्ति इन लोगों के हाथों में लौटाई जाए, ताकि ये कारीगर फिर से भारत का नाम रोशन कर सकें और देश की अर्थव्यवस्था का पहिया आगे बढ़ा सकें।
