मोबाइल चेक किया तो रो पड़ी RTO महिला कर्मचारी, दलालों से मिलीभगत की आशंका में की गई जांच
लखनऊ, अमृत विचारः ट्रांसपोर्टनगर आरटीओ में कार्यरत प्राइवेट कर्मचारी अधिकारियों के रडार पर हैं। अधिकारियों ने दलालों से मिलीभगत के संदेह में कर्मचारियों के मोबाइल और डेटा की जांच शुरू कर दी है। इसमें तस्वीरें, चैट और कॉल डिटेल भी शामिल हैं।
सूत्रों के अनुसार शनिवार को आरटीओ में ड्राइविंग लाइसेंस से संबंधित कार्य देख रहे प्राइवेट कर्मचारियों के मोबाइल ले जबरन लिए गए। कर्मचारियों ने बताया कि उनके कॉल डिटेल, ईमेल और व्यक्तिगत तस्वीरें भी देखी गईं। इस दौरान एक महिला कर्मचारी निजी तस्वीरों की जांच के समय रो पड़ी, लेकिन अधिकारियों ने अपनी कार्रवाई जारी रखी। रविवार को शिकायत परिवहन विभाग मुख्यालय तक पहुंच गई।
इस मामले ने विभाग में महिला नेतृत्व के बावजूद कर्मचारियों की निजता को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। बताया गया कि पहले डीएल से जुड़े कामकाज स्मार्ट चिप कंपनी के कर्मचारी करते थे। उस समय आरटीओ प्रशासन संजय तिवारी ने प्राइवेट कर्मचारियों पर दलालों से मिलीभगत और भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए परिवहन आयुक्त को पत्र भेजा था।
इस मामले में कोई शिकायत या जांच नहीं हुई और कर्मचारियों को वर्तमान तैनाती से हटा दिया गया। इस संबंध में आरटीओ प्रशासन संजय तिवारी ने कहा कि ड्राइविंग लाइसेंस से जुड़े काम करने वाले प्राइवेट कर्मचारियों के बाहरी दलालों से मिलीभगत की आशंका थी। उन्होंने यह भी कहा कि महिला कर्मचारी की निजी तस्वीरों की जांच का आरोप बेबुनियाद है।
