यूपी में सात IAS अफसरों के तबादले, देवरिया-सुलतानपुर और कानपुर के बदले गए CDO

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Published By Anjali Singh
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लखनऊ, अमृत विचार। राज्य सरकार ने मंगलवार को सात वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों के तबादले किए हैं। इस फेरबदल में मुख्य विकास अधिकारियों (सीडीओ) और विकास प्राधिकरणों के पदों पर अहम बदलाव किया गया। तबादलों में देवरिया के मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) प्रत्यूष पाण्डेय को विशेष सचिव, समन्वय विभाग, जबकि राजेश कुमार सिंह को देवरिया का सीडीओ नियुक्त किया गया है।

सुलतानपुर के सीडीओ अंकुर कौशिक को मुख्य कार्यपालक अधिकारी, उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण,जबकि विनय कुमार सिंह को सुलतानपुर सीडीओ बनाया गया है। मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्याम बहादुर सिंह को विशेष सचिव, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग, जबकि कानपुर देहात की सीडीओ लक्ष्मी एन. को उपाध्यक्ष, मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकरण के रूप में तैनात किया गया है। इसी क्रम में उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के परीक्षा नियंत्रक विधान जायसवाल को कानपुर देहात का सीडीओ बनाया गया है।

तबादलों में देवरिया के मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) प्रत्यूष पाण्डेय को विशेष सचिव, समन्वय विभाग, जबकि राजेश कुमार सिंह को देवरिया का सीडीओ नियुक्त किया गया है। सुलतानपुर के सीडीओ अंकुर कौशिक को मुख्य कार्यपालक अधिकारी, उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण,जबकि विनय कुमार सिंह को सुलतानपुर सीडीओ बनाया गया है। मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्याम बहादुर सिंह को विशेष सचिव, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग, जबकि कानपुर देहात की सीडीओ लक्ष्मी एन. को उपाध्यक्ष, मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकरण के रूप में तैनात किया गया है। इसी क्रम में उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के परीक्षा नियंत्रक विधान जायसवाल को कानपुर देहात का सीडीओ बनाया गया है।

सुगम्य व्यापार अधिनियम को विधानसभा से मंजूरी

विधान सभा में प्रस्तुत 'उत्तर प्रदेश सुगम्य व्यापार (प्रावधानों का संशोधन) अधिनियम, 2025 को विधानसभा में मंजूरी मिल गई है। प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री ने बताया कि पहले दिन से ही ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और इंडस्ट्री फ्रेन्डली इकोसिस्टम हमारी प्रतिबद्धता रही है। यह औद्योगिक विकास और निवेश प्रोत्साहन की दिशा में ऐतिहासिक कदम है। यह निवेशकों के भरोसे और विश्वास को एक नई मजबूती प्रदान करने वाला प्रासंगिक संशोधन है।

सदन में चर्चा के दौरान औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी कहा कि यह अधिनियम ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के साथ ही ईज ऑफ लिविंग को बढ़ावा देता है। इसके अंतर्गत राज्य सूची के 10 अधिनियमों में सुधार किया गया है। जिसमें 10 विभागों के 39 से अधिक प्रावधानों को अपराध की श्रेणी से बाहर किया गया है। 

कारावास का प्रावधान केवल उन अपराधों के लिए रखा गया है, जो शारीरिक क्षति पहुंचाते हैं अथवा जीवन को संकट में डालते हैं। जो धोखाधड़ी से किए जाते हैं और नकारात्मक बाह्य प्रभाव पैदा करते हैं। अन्य सभी अपराधों-जैसे प्रक्रियात्मक चूक, दस्तावेजीकरण त्रुटियां या सामान्य उल्लंघन को गैर-आपराधिक बनाया गया है। इनके सन्दर्भ में दंड स्वरुप केवल आर्थिक दंड का प्रावधान किया गया है।

 

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