मुरादाबाद: लिखावट सुधार को छात्र ने खोज डाला राइटर रोबोट
मुरादाबाद, अमृत विचार। कहते हैं कि डांट भी सफलता का इतिहास रच देती है। इसे सच साबित किया एमआईटी में बीटेक द्वितीय वर्ष के छात्र सिद्धांत कौशिक ने। जी, हां पिता की डांट सिद्धांत के लिए इतना कारगार साबित हुई कि इसने कंप्यूटर से कमांड देकर कागज पर कुछ भी लिखने वाले रोबोट का अविष्कार …
मुरादाबाद, अमृत विचार। कहते हैं कि डांट भी सफलता का इतिहास रच देती है। इसे सच साबित किया एमआईटी में बीटेक द्वितीय वर्ष के छात्र सिद्धांत कौशिक ने। जी, हां पिता की डांट सिद्धांत के लिए इतना कारगार साबित हुई कि इसने कंप्यूटर से कमांड देकर कागज पर कुछ भी लिखने वाले रोबोट का अविष्कार कर डाला। हालांकि रोबोट बनाने से सिद्धांत की राइटिंग तो नहीं सुधरी, लेकिन एक नया अविष्कार करके अपने मेधा का लोहा मनवा दिया है।
परिवार का नाम भी खूब रोशन किया है। सिद्धांत कौशिक की बचपन से ही लेखन शैली बेकार थी जिसे लेकर उसे शिक्षकों के साथ ही पिता की नारागजी का सामना करना पड़ता था। परीक्षाओं में भी सिद्धांत ने अच्छे अंक प्राप्त किए, लेकिन लेखन की वजह से उसे निराशा ही झेलनी पड़ी।
पिता ने लेखन शैली सुधारने के लिए डांटा तो सिद्धांत के दिमाग की बत्ती जल उठी। उसने एक सप्ताह की दिन-रात मेहनत में राइटिंग रोबोट का अविष्कार कर डाला। इसके लिए उसने तीन साफ्टवेयर प्रोसेसिंग, ओडिनो और इंक स्केप की मदद से कमांड देने पर लिखने वाला रोबोट बना डाला।
ऐसे काम करता है रोबोट
सिद्धांत का रोबोट कंप्यूटर से कमांड देने पर काम करता है। कंप्यूटर से कमांड देने बाद रोबोट कागज पर कोई भी अक्षर, नाम लिखेगा। अक्षर को पहले जी कोड में कंवर्ट करना है, इसके बाद कमांड देकर हम जो चाहे इसकी मदद से लिख सकते हैं। भले ही इसका उपयोग वह परीक्षा और कालेज में न कर पाएं। पर, कहीं न कहीं एक नई सोच को उन्होंने जन्म दिया है। जिसका उपयोग कारपोरेट क्षेत्रों में कहीं न कहीं अवश्य किया जा सकेगा।
लिखावट भी सुधारने का प्रयास
सिद्धांत ने बताया कि हैंडराइटिंग खराब होने पर पापा ने जब उन्हें बात-बात पर टोका तो उन्होंने इसका एक रास्ता निकला। उन्होंने रोबोट का अविष्कार तो कर दिया, लेकिन वह अपनी हैंड राइटिंग को भी सुधारने का प्रयास कर रहे हैं। ताकि उन्हें पिता से बार-बार डांट न खानी पड़े।
आईओटी में करियर बनाना चाहते हैं सिद्धांत
सिद्धांत कौशिक भविष्य में आईओटी (इंटरनेट ऑफ थिंक्स) में अपना करियर बनाना चाहते हैं। जिसमें में तरह-तरह के रोबोट बनाएंगे जो व्यक्ति के हर कार्य को आसान कर सकेगा। उन्होंने बताया कि उन्हें विभिन्न सॉफ्टवेयर का प्रयोग कर प्रोजेक्ट बनाने का शौक है। बताया कि इससे पहले भी कई प्रोजेक्ट तैयार किए हैं। उन्होंने रोबोट बनाने से पहले सॉफ्टवेयर की मदद से डोर बेल और वीप कैप बनाई है। ये कैप व्यक्ति को दो गज दूरी में आने पर आवाज करना शुरू कर देती है। जिससे वह सचेत होकर खुद दो गज दूरी का फासला तय कर सकता है। ये उन्होंने लाकडाउन में किया। जब प्रधानमंत्री ने देशवासियों से संक्रमण से बचने के लिए दो गज दूरी की अपील पहली बार की थी।
