गोरखपुर: योगी ने बाबा गोरखनाथ को चढ़ाई पहली खिचड़ी, मकर संक्रांति की दीं शुभकामनाएं
गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के प्रसिद्ध गोरखनाथ मंदिर में मकर संक्रांति पर गोरक्षपीठाधीश्वर महंत योगी आदित्यनाथ ने बाबा गोरखनाथ को पहली खिचड़ी चढ़ाई। इसके बाद नेपाल राजवंश की ओर से खिचड़ी चढ़ाई गई। फिर नाथ सम्प्रदाय के योगियों और साधु संतों ने खिचड़ी चढ़ा कर पूजा अर्चना की। बाद में खिचड़ी चढ़ाने के लिए आम श्रद्धालुओं …
गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के प्रसिद्ध गोरखनाथ मंदिर में मकर संक्रांति पर गोरक्षपीठाधीश्वर महंत योगी आदित्यनाथ ने बाबा गोरखनाथ को पहली खिचड़ी चढ़ाई। इसके बाद नेपाल राजवंश की ओर से खिचड़ी चढ़ाई गई। फिर नाथ सम्प्रदाय के योगियों और साधु संतों ने खिचड़ी चढ़ा कर पूजा अर्चना की। बाद में खिचड़ी चढ़ाने के लिए आम श्रद्धालुओं के लिए मन्दिर के कपाट खोल दिये गए।
आज प्रातः काल लगभग 4 बजे मुख्यमंत्री व गोरक्षपीठाधीश्वर महंत योगी आदित्यनाथ ने अपने सम्प्रदाय नाथ योगियों के मुताबिक श्रीनाथ जी के मंदिर में पूजन अर्चन कर नादी प्रणाम के पश्चात खिचड़ी को अर्पित किया और अनादि काल से प्रज्ज्वलित अखण्ड ज्योति का दर्शन किया। इसके बाद नेपाल राजदरबार से शाह वंश की खिचड़ी चढ़ाई गई। इस दौरान पूरा गोरक्षनाथ मन्दिर परिसर वाद्य यंत्रों की आवाज से गुंजायमान रहा। इसी के साथ पूर्वांचल का लगभग सवा एक महीने का गोरखनाथ मेला का शुभारंभ भी हो गया। इस दौरान सीएम योगी ने देशवासियों को मकर संक्रांति की शुभकामनाएं दीं और मन्दिर परिसर में अधिकारियों और स्वयं सेवकों संग भ्रमण कर आमजनमानस की सुविधाओं का जायजा लिया।
बता दें कि नेपाल समेत दूर दराज के इलाकों से मकर संक्रांति के पर्व के दो दिन पूर्व से ही खिचड़ी चढ़ाने के लिए श्रद्धालुओं का आगमन शुरू हो जाता है। जिनके ठहरने से लेकर खाने पीने की व्यवस्था मन्दिर परिसर में ही की जाती है। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था के लिए भारी मात्रा में पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों समेत प्रशासन के अन्य विभाग भी मन्दिर में अस्थायी कैम्प लगाए रहते हैं।
भगवान भाष्कर के मकर राशि मे प्रवेश करने की तिथि को जहां दक्षिण भारत में ‘पोंगल’, पंजाब में ‘लोहड़ी’, बंगाल-महराष्ट्र में ‘तिलवा संक्रान्ति’, असम में ‘बिहु’ आदि नामों से जाना जाता है, तो वहीं उत्तरी भारत में इसे मकर संक्रांति महापर्व के रूप में मनाया जाता है।मान्यता है कि बाबा गोरखनाथ हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा से ज्वाला देवी के मंदिर से गोरखपुर आये और मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी चढ़ाने की परम्परा शुरू की। लगभग दस लाख लोगों के खिचड़ी चढ़ाने का अनुमान है। इसके लिये उत्तर प्रदेश के अलावा उत्तराखंड, बिहार, नेपाल, झारखंड, दिल्ली और हिमाचल प्रदेश से लोग आये।
पहले लोग मंदिर परिसर में भीम सरोवर में स्नान करते हैं और उसके बाद खिचड़ी चढ़ाते हैं। सरोवर में देश की सभी नदियों का पवित्र जल डाला गया है। खिचड़ी चढ़ाने के साथ ही मंदिर परिसर के पास एक माह तक चलने वाला मेला भी शुरू हो गया है। मेले में दिल्ली, बिहार और कोलकाता से दुकानदार आये हैं।
