बरेली: 10 करोड़ के घोटाले से घिरे राजकीय निर्माण निगम इकाई के प्रोजेक्ट मैनेजर निलंबित
बरेली, अमृत विचार। मेडिकल कालेज बदायूं और बरेली के 300 बेड के अस्पताल के निर्माण में करोड़ों के हुए गोलमाल में राजकीय निर्माण इकाई के प्रोजेक्ट मैनेजर मुकेश सिंघल को शासन ने निलंबित कर दिया है। मेडिकल कालेज 600 करोड़ रुपये के बजट में 10 करोड़ रुपये का भुगतान मनमाने तरीके से चहेती फर्म को …
बरेली, अमृत विचार। मेडिकल कालेज बदायूं और बरेली के 300 बेड के अस्पताल के निर्माण में करोड़ों के हुए गोलमाल में राजकीय निर्माण इकाई के प्रोजेक्ट मैनेजर मुकेश सिंघल को शासन ने निलंबित कर दिया है। मेडिकल कालेज 600 करोड़ रुपये के बजट में 10 करोड़ रुपये का भुगतान मनमाने तरीके से चहेती फर्म को बिना काम के ही भुगतान कर दिया गया है। करोड़ों रुपये का खेल उजागर होने पर विभाग में हड़कंप मच गया है, क्योंकि जांच का दायरा बढ़ा तो कई पर कार्रवाई हो सकती है।
राजकीय निर्माण निगम लिमिटेड बरेली इकाई के प्रोजेक्ट मैनेजर मुकेश सिंघल बदायूं के मेडिकल कालेज के निर्माण के समय, वहां की इकाई में तैनात थे, जो बाद में चलकर बरेली विलय कर दिया गया। इस मेडिकल कालेज के शासन ने 600 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया था। इसमें काम शुरू होने से पहले 10 करोड़ रुपये का भुगतान मनमर्जी से कर दिया। इसी शिकायत शासन स्तर पर पहुंची तो जांच कराई गई। जांच में पुष्टि हो गई है कि वित्तीय अनियमितता की गई। इस पर उनको निलंबित कर दिया गया है।
विभागीय सूत्रों की बातों पर गौर किया जाए तो बदायूं और बरेली के 300 बेड अस्पताल के निर्माण में बड़ा गोलमाल किया गया है। वर्तमान में बने कोविड अस्पताल बरेजी के लिए करीब 65 करोड़ रुपये का धन आवंटित किया गया था। बाद में चलकर फिर से संशोधित बजट 10 करोड़ रुपये मिला, इसे बकाया भुगतान दिखाकर खर्च कर दिया गया है। इसके बाद कार्य पूरा नहीं हुआ है। निर्माण इकाई ने पीसीआर कमेटी के जरिए बाजार मूल्य से 40 प्रतिशत से अधिक दामों पर सामनों की खरीदारी की गई। एक फर्म से कोटेशन लेकर मनमाने तरीके से भुगतान किया गया है।
लकड़ी के फर्नीचर और दरवाजों को खरीदने में अनिमियतता की गई है, जबकि नियम है कि जैम पोर्टल के जरिए सामान खरीदा जाना चाहिए था। जेनरेटर महंगे दाम पर खरीदे गए हैं। अग्निशमन यंत्र के लिए लगने वाला संपवेल के नाम पर भुगतान ले लिया और फायर को हैंडपंप से जोड़ दिया गया है। पार्किंग स्थल बना नहीं है और भुगतान हो गया है। मिट्टी के कार्य में भी बड़ा गोलमाल किया गया है। इस मामले की जांच शासन स्तर चल रही है। इसको लेकर विभाग में चर्चा है कि राजकीय निर्माण इकाई बरेली में तैनात रहे कई प्रोजेक्ट मैनेजर जांच के घेरे में आ रहे हैं, क्योंकि काफी समय से यह खेल चला आ रहा है।
