लखनऊ: आबकारी आयुक्त देंगे होटल, क्लब, एयरपोर्ट बार लाइसेंसों की स्वीकृति
लखनऊ, अमृत विचार। उत्तर प्रदेश सरकार ने आबकारी (बार लाइसेंसो की स्वीकृति) नियमावली 2020 को प्रकाशित की है, जो वर्तमान में प्रभावी है। यह जानकारी अपर मुख्य सचिव आबकारी संजय आर.भूसरेड्डी ने दी। उन्होंने कहा कि बार लाइसेंसों की स्वीकृति के बारे में पहले से प्रचलित प्रक्रिया को और सरल कर दिया गया है। अब होटल,रेस्तरां,क्लब …
लखनऊ, अमृत विचार। उत्तर प्रदेश सरकार ने आबकारी (बार लाइसेंसो की स्वीकृति) नियमावली 2020 को प्रकाशित की है, जो वर्तमान में प्रभावी है। यह जानकारी अपर मुख्य सचिव आबकारी संजय आर.भूसरेड्डी ने दी। उन्होंने कहा कि बार लाइसेंसों की स्वीकृति के बारे में पहले से प्रचलित प्रक्रिया को और सरल कर दिया गया है। अब होटल,रेस्तरां,क्लब बार और एयरपोर्ट बार लाइसेंसों की स्वीकृति शासन के स्थान पर आबकारी आयुक्त के स्तर से प्रदान करने की व्यवस्था की गई है।
उन्होंने बताया कि मण्डलायुक्त की अध्यक्षता में गठित बार समिति के स्थान पर अब जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बार समिति का गठन होगा। होटल,रेस्तरां,बार लाइसेंस के लिए प्रस्तावित परिसर का कुर्सी क्षेत्रफल कम से कम 200 वर्ग मीटर हो व न्यूनतम 40 व्यक्तियों को एक साथ बैठने की क्षमता हो।
भूसरेड्डी ने बताया कि होटल,रेस्तरां,बार लाइसेंस के संबंध में रेस्तरां तैयार होने की स्थिति में होने का विनिश्चय बार लाइसेंस निर्गत करते समय ही किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पूर्व में होटल,रेस्तरां,बार लाइसेंस के लिए प्रस्तावित परिसर में पार्किंग हेतु पर्याप्त स्थान होने की अनिवार्यता थी, जिसमें छूट प्रदान कर दी गयी है। अब इसके तहत लाइसेंस हेतु प्रस्तावित परिसर के 500 मीटर के अंतर्गत निजी वैलेट पार्किंग व सार्वजनिक पार्किंग को भी अनुमन्य किया गया है। इसी प्रकार किसी माॅल या वाणिज्यिक काॅप्लेक्स, जिसमें बार स्थित हो, की सामान्य पार्किंग सुविधायें और वाॅशरूम, ऐसे बार की सुविधाओं के रूप में माने जाने का प्रावधान किया गया है।
बार लाइसेंस स्वीकृत होने पर 7 दिन में फीस का भुगतान
अपर मुख्य सचिव आबकारी ने बताया कि लाइसेंस स्वीकृत होने की सूचना के 7 दिन के अंदर आवेदक को लाइसेंस फीस का भुगतान करना होगा साथ ही 15 कार्य दिवस के अंतर्गत प्रतिभूति धनराशि जमा की जा सकेगा। निर्धारित अवधि में लाइसेंस फीस व प्रतिभूति धनराशि नहीं जमा होने पर लाइसेंस स्वीकृति को निरस्त कर दिया जायेगा।
जिला स्तरीय बार समिति ने कृत कार्यवाही पर मण्डलायुक्त को अपील की जा सकती है। बिक्री बढ़ाने की दृष्टि से ग्राहकों को प्रेरित करने के लिये मदिरा पान की प्रतियोगिता जैसे कृत्य में संलिप्त पाये जाने या किसी एक लाइसेंस धारी को निर्गत की गयी मदिरा दूसरे बार लाइसेंस के परिसर में पाये जाने पर पहली बार 25 हजार तथा दूसरी 50 हजार का जुर्माना लगाया जा सकता है। तीसरी बार इस प्रकार के कृत्य पर लाइसेंस निरस्तीकरण की कार्यवाही करने का प्रावधान किया गया है।
शराब की दुकानों पर बंद होगी मिलावटी शराब, विभाग ने विकसित किया साफ्टवेयर
अपर मुख्य सचिव आबकारी उत्तर प्रदेश शासन संजय आर. भूसरेड्डी ने आबाकारी दुकानों पर होने वाली मिलावट को लेकर संख्त रुख अपनाया है। उन्होंने आबकारी विभाग प्रदेश में उच्च गुणवत्ता की मदिरा को निर्धारित मूल्य पर उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराने के लिये प्रयासरत है। मदिरा की फुटकर दुकानों पर मिलावट की मदिरा की बिक्री की अंकुश लगाने के लिये विभाग ने साफ्टवेयर विकसित किया गया है, जिसके माध्यम से प्रदेश के सभी जनपदों में रैण्डम आधार पर चयनित मदिरा की दुकानों का आकस्मिक निरीक्षण करके नमूना लिया जायेगा, जिसका परीक्षण आबकारी विभाग की क्षेत्रीय प्रयोगशालाओं में कराया जायेगा। इस सम्बन्ध में आबकारी आयुक्त पीगुरू प्रसाद ने बताया गया कि साफ्टवेयर के माध्यम से प्रत्येक जनपद की देशी शराब, विदेशी मदिरा व बीयर की दुकानों का रैण्डम आधार पर चयन किया जायेगा। तत्काल उक्त दुकानों से जांच के लिये नमूने लेकर उन्हें क्षेत्रीय प्रयोगशालाओं में अविलम्ब जांच के लिये भेजा जायेगा। जांच में किसी प्रकार की मिलावट पाई गई तो सम्बन्धित दुकान का अनुज्ञापन निरस्त कर अनुज्ञापियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही की जायेगी।
