बरेली: किराना, हार्डवेयर और कपड़ा कारोबारियों को बजट से उम्मीदें हजार

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अमृत विचार, बरेली। कल पेश होने वाले केंद्रीय बजट-2021 से हर वर्ग को काफी उम्मीदें हैं। नौकरीपेशा हो या किसान, कारोबारी हो या उद्योगपति या फिर मजदूर। सभी आर्थिक राहत की उम्मीद लगाए बैठे हैं। महिलाओं को रसोई की चिंता सता रही है, कारोबारियों को कारोबार की और नौकरीपेशा टैक्स स्लैब में छूट की आस …

अमृत विचार, बरेली। कल पेश होने वाले केंद्रीय बजट-2021 से हर वर्ग को काफी उम्मीदें हैं। नौकरीपेशा हो या किसान, कारोबारी हो या उद्योगपति या फिर मजदूर। सभी आर्थिक राहत की उम्मीद लगाए बैठे हैं। महिलाओं को रसोई की चिंता सता रही है, कारोबारियों को कारोबार की और नौकरीपेशा टैक्स स्लैब में छूट की आस लगाए बैठे हैं।

जिले के किराना, हार्डवेयर से लेकर कपड़ा कारोबारियों की मांग है सरकार इस बार व्यापारी वर्ग को छूट दे जिससे कोरोना की मार से कराह रहे कारोबार को संजीवनी मिल सके। कच्चे माल और रोजमर्रा के सामान पर टैक्स का बोझ कम हो। व्यापार जगत के लिए यह बजट कोरोना संकट से उबारने वाले साबित हो जिससे अर्थव्यवस्था में जान आ सके। इसके अलावा किसान खुशहाल होगा या उसकी आय दोगुनी होने का सपना अधूरा रह जाएगा, यह तो बजट आने के बाद ही तय होगा। दैनिक ‘अमृत विचार’ के साथ लोगों ने खुलकर अपनी उम्मीदें साझा की हैं।

वैसे तो हर वर्ग का व्यापारी कोरोना काल में परेशान रहा है लेकिन कारोबार तबाह होने से सबसे ज्यादा परेशान छोटे व्यापारी रहे। उन्हें वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण से काफी उम्मीदें हैं। उम्मीद है कि बजट में कुछ ऐसे प्रावधान हों जिससे आने वाले समय में बाजार में विपरीत स्थिति न बने। -विपुल गर्ग, हार्डवेयर कारोबारी

हार्डवेयर में टैक्स की छूट मिलनी चाहिए। सरिया के दामों ने पिछले कई सालों का रिकार्ड तोड़ दिया। दामों में बेहताशा वृद्धि हुई है। स्टील और पीतल के दाम भी काफी बढ़े हैं। बजट में इन वस्तुओं को महंगा होने से रोकना होगा तभी व्यापार जगत को इस बजट से राहत मिलेगी। -रामनरेश मिश्रा, हार्डवेयर कारोबारी

कोरोना काल में देश की अर्थव्यवस्था काफी कमजोर हो चुकी है। इसलिए वर्तमान में बाजार में काफी मंदी है। आलम यह है कि कारोबार में जितनी कमाई नहीं हो रही उससे ज्यादा टैक्स भरना पड़ रहा है। इसलिए अब आम बजट में टैक्स की छूट नहीं मिली तो निश्चित ही व्यापारियों का कारोबार चौपट हो जाएगा। -लविश कपूर, इलेक्ट्रानिक कारोबारी

एक फरवरी को पेश होने वाले आम बजट से उम्मीदें नाममात्र हैं। इलेक्ट्रानिक्स के सामान में किसी तरह की राहत नहीं मिलने की बात निकलकर सामने आ रही है। बाजार बिल्कुल डाउन चल रहा है। बजट में किसी तरह की अगर राहत नहीं मिली तो निश्चित ही कारोबार पूरी तरह चौपट हो जाएगा। -मुकेश अग्रवाल, इलेक्ट्रानिक व्यापारी

टेक्सटाइल उद्योग देश में सबसे अधिक रोजगार पैदा करता है। पिछले बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन का प्रस्ताव पेश कर चार साल में 1480 करोड़ रुपये खर्च का प्रावधान किया था लेकिन कोरोना काल में उद्योग को पंख नहीं लग सके। बजट में टेक्सटाइल उद्योग को पंप करने से रोजगार पैदा होंगे। -अनुपम कूपर, कपड़ा व्यापारी

कोरोना काल में देश के आर्थिक हालात बिगड़ गए। लगभग सभी तरह का कारोबार कई महीने तक पूरी तरह ठप रहा। इसके बावजूद व्यापारियों ने सरकार का हर स्तर पर साथ दिया। सरकार इस बात को अच्छी तरह जानती है, इसलिए बजट से उम्मीद है कि जो घाटा हुआ है उसकी भरपाई के लिए कई तरह की छूट मिलेगी। -केपी गंगवार, कपड़ा कारोबारी

सरकार ने महिलाओं के लिए कई कदम उठाए हैं लेकिन अभी काफी कुछ करना बाकी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर पूरा भरोसा है क्योंकि वह स्‍वयं महिला हैं। इसलिए इस बार बजट में महिलाओं की जरूरतों का खास खयाल रखा जाएगा और उनके लिए जरूर कुछ खास प्रावधान निश्चित ही किए जाएंगे। -नीरू गुप्ता, गृहिणी

2/3 रुपया हमारा अप्रत्यक्ष कर से आता है जो चार चीजों पर निर्भर करता है – खपत, सरकारी खर्च, निर्यात और निवेश। खपत के लिए बाजार में तरलता को बढ़ाना है, सरकार को ज्यादा इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च करना है, निर्यात ज्यादा हो इसके लिए और फैसिलिटी और इंसेंटिव बढ़े, निवेश ज्यादा हो इसके लिए सरकार बजट में टैक्स इंसेंटिव दे। -मनोज मंगल, सीए

आम बजट में पुराने उद्योगों पर भी कम हो टैक्स
उद्यमी सुरेश सुंदरानी बताते हैं कि बीते वर्ष जब बजट आया था तो कई उम्मीदें लाया था। इनमें महत्वपूर्ण उम्मीद आयकर रिटर्न भरने के विकल्प की रही लेकिन इसका लाभ नहीं मिल सका। अभी पुराने तरीके से ही रिटर्न भरे जा रहे हैं। हालांकि, पांच लाख रुपये तक की आय पर टैक्स छूट और उससे ऊपर 15 लाख तक स्लैब की व्यवस्था से भी काफी लाभ मिला है। वहीं, नए उद्योग स्थापित करने पर 15 प्रतिशत तो पुराने उद्योग पर 20 प्रतिशत का टैक्स अखर रहा है। इसलिए उम्मीद है कि नए बजट में पुराने उद्योग वालों को भी 15 प्रतिशत वाले स्लैब में लाया जाएगा ताकि टैक्स की दर एक समान रहे।

बजट में श्रमिकों के लिए भी हो प्रावधान
भाजपा व्यापार प्रकोष्ठ के अध्यक्ष ऋ तुराज बॉस ने बैठक में कहा कि छोटे व्यापारियों एवं उनके पास काम करने वाले कर्मचारियों को बजट में सामाजिक सुरक्षा के लिए जिस प्रकार से सरकार ने निर्माण श्रमिकों के लिए योजना बनाई है उसी प्रकार से योजना में छोटे व्यापारियों एवं उसमें काम करने वाले सेल्समैन को भी सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाया जाना चाहिए। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से सौरभ अग्रवाल, तुषार अग्रवाल, संदीप जायसवाल, समीर अग्रवाल, संदीप धीमान आदि व्यापारी शामिल रहे।

महिलाएं बोलीं
रसोई गैस, पेट्रोल, डीजल आदि आवश्यक वस्तुओं पर बढ़ती हुई कीमतों की वजह से आम आदमी को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। बजट ऐसा होना चाहिए जिससे आम आदमी पर महंगाई की मार न पड़े। शिक्षा, स्वास्थ्य आदि का विशेष ध्यान रखा जाए जिससे गरीब आदमी अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिला सके। – प्रेमलता सिंह, समाजसेवी

बजट आम इंसान को ध्यान में रखकर बनाया जाए जिससे आम आदमी को समस्या न हो। खाद्य पदार्थों और रसोई गैस की कीमतों में हो रही वृद्धि पर रोक लगाई जाए। दवाइयों की कीमतें भी कम हों ताकि गरीब इंसान भी कम पैसे में अच्छा इलाज करा सके। सरकार रसोई, शिक्षा और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए बजट बनाए। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में भी कमी होनी चाहिए। -पूजा शर्मा

सरकार को चाहिए कि वह ऐसा बजट बनाए जिससे आम आदमी, किसान और प्रत्येक वर्ग के व्यक्ति को लाभ मिल सके। रसोई गैस, खाद्य पदार्थों और दवाइयों की कीमत में कमी होनी चाहिए। डीजल और पेट्रोल की कीमतें भी कम होनी चाहिए। -स्नेहलता सिंह

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