बरेली: मुसलमान वैलेंटाइन डे नहीं रोटी और कपड़ा डे मनाए
अमृत विचार,बरेली। विश्व विख्यात दरगाह आला हजरत से वैलेंटाइन डे और रोज को लेकर एक बड़ा बयान आया है, जिसमें कहा गया है कि इस्लाम में ऐसे दिनों के लिए कोई जगह नहीं है। मुसलमान को चाहिए कि रोज डे और वैलेंटाइन की जगह रोटी और कपड़ा डे मनाना चाहिए। ऐसे दिन मनाने से अच्छा …
अमृत विचार,बरेली। विश्व विख्यात दरगाह आला हजरत से वैलेंटाइन डे और रोज को लेकर एक बड़ा बयान आया है, जिसमें कहा गया है कि इस्लाम में ऐसे दिनों के लिए कोई जगह नहीं है। मुसलमान को चाहिए कि रोज डे और वैलेंटाइन की जगह रोटी और कपड़ा डे मनाना चाहिए। ऐसे दिन मनाने से अच्छा वह अपने आसपास रहने वाले गरीब और जरूरतमंद लोगों की मदद करे। मुसलमान बच्चों की शादी भी सुन्नत ए रसूल के तरीके से करे। उन्होने देशभर के उलेमा और इमामों से इस पैगाम को आम करने के लिए मस्जिदों से ऐलान करने की अपील की है।
दरगाह आला हज़रत के सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन रजा कादरी (अहसन मियां) ने कहा कि वैलेंटाइन डे जैसे कल्चर (पश्चिमी सभ्यता) से मुसलमान दूर रहे। वैलेंटाइन डे, रोज डे जैसी किसी भी दिन को इस्लाम मे कोई जगह नही है। मां-बाप और घर के बच्चों का खास ख्याल रखें । अगर इस दिन कोई डे मनाना है तो रोटी डे मनाए, कपड़ा डे मनाए ताकि हमारे समाज मे साल के कोई भी डे में कोई भूखा न सो और न ही कोई बिना कपड़ों के नंगा रहे।
उन्होंने आगे कहा कि अल्लाह के रसूल ने निकाह को आसान करने का हुक़्म देते हुए फिजूलखर्ची से बचने का हुक्म दिया। मुसलमानों में बढ़ते दहेज के चलन पर भी फिक्र करने की जरूरत है। मुसलमान अपनों बच्चों की शादी उनके वक़्त पर सुन्नत ए रसूल के मुताबिक करें। ताकि बच्चें कोई गलत कदम न उठाएं। मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी ने बताया कि सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन मियां ने देश भर के उलेमा व इमामो से उनका पैगाम मस्जिदों, जलसों व महफिलों के जरिये लोगो मे आम करने को कहा।
