कोविड-19: रुविवि का स्वास्थ्य केंद्र होगा संचालित, निशुल्क एंबुलेंस सेवा होगी शुरु
बरेली, अमृत विचार। कोरोना संक्रमण की वजह से लोगों की जान जा रही हैं। अस्पताल में मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है। एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय के कई शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी या फिर उनके परिवार संक्रमित हो चुके हैं या फिर जान गंवा चुके हैं। कई बार ऐसे मौके आए हैं जब अस्पताल पहुंचाने …
बरेली, अमृत विचार। कोरोना संक्रमण की वजह से लोगों की जान जा रही हैं। अस्पताल में मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है। एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय के कई शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी या फिर उनके परिवार संक्रमित हो चुके हैं या फिर जान गंवा चुके हैं। कई बार ऐसे मौके आए हैं जब अस्पताल पहुंचाने के लिए एंबुलेंस तक नहीं मिली। यही वजह है कि अब रुहेलखंड विश्वविद्यालय प्रशासन ने विश्वविद्यालय की स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर करने की तैयारी शुरू कर दी हैं। सबसे पहले एंबुलेंस की व्यवस्था की गई है। जल्द ही स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सक, बेड, ऑक्सीजन समेत अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध की जाएंगी।
कुछ दिनों पहले विश्वविद्यालय के विधि संकायध्यक्ष व मीडिया सेल प्रभारी डा. अमित सिंह की मां की अचानक तबियत खराब हो गई थी। उन्होंने मां को अस्पताल में भर्ती कराने के लिए एंबुलेंस बुलाई लेकिन एंबुलेंस नहीं आई। विश्वविद्यालय के अधिकारियों के फोन करने पर सीएमओ ने एंबुलेंस भिजवाई लेकिन चालक कहीं दूसरी जगह एंबुलेंस लेकर खड़ा रहा। काफी देर बाद किसी तरह से निजी वाहन से मां को अस्पताल में भर्ती कराया। हालांकि मां की दो दिन बाद मौत हो गई।
डा. अमित सिंह भी अस्पताल में भर्ती हैं। उन्हें ऑक्सीजन की दिक्कत हुई थी। उन्हें ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध कराने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ी। इसी तरह से एक रिटायर्ड शिक्षक की भी मौत हो गई थी। उनके बेटे को एंबुलेंस न मिलने पर पिता को अपनी निजी कार से अस्पताल ले जाना पड़ा और मौत के बाद कार से ही श्मशान ले जाना पड़ा था। विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर के साले भी अस्पताल में भर्ती हैं। उन्हें अस्पताल वाले भर्ती नहीं कर रहे थे। किसी तरह से उन्होंने अस्पताल प्रबंधन को सबकुछ खर्च करने के लिए बोला तो जाकर इलाज चल रहा है। एक प्रोफेसर हैं, जिनके पिता व परिवार के अन्य सदस्य बीमार चल रहे हैं। इसी तरह से कई कर्मचारी हैं, जिन्हें तुरंत प्राथमिक उपचार नहीं मिल पा रहा है और न ही एंबुलेंस मिल पा रही थी।
एंबुलेंस के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त
कुलपति प्रो. केपी सिंह के पास जब यह समस्याएं पहुंची तो उन्होंने अधिकारियों को स्वास्थ्य सुविधाएं के इंतजाम करने के निर्देश दिए। इसी को लेकर गुरुवार को डीएसडब्ल्यू प्रो. पीबी सिंह, चीफ प्रॉक्टर जेएन मौर्या और प्रो. एसके पांडेय ने बैठक की। बैठक में निर्णय लिया गया कि यदि किसी शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी या उनके परिजन को कोविड 19 के दृष्टिगत हास्पिटलाइज्ड करने के लिए विश्वविद्यालय द्वारा निशुल्क एंबुलेंस की व्यवस्था की जाएगी। एंबुलेंस के प्रधान सहायक सुरक्षा सुधांशु कुमार को नोडल अधिकारी बनाया गया है। उनके मोबाइल नंबर पर संपर्क किया जा सकता है। किन्हीं कारणों से यदि नोडल अधिकारी से संपर्क नहीं हो पाता है तो प्रो. पीबी सिंह व प्रो. जेएन मौर्या के नंबर पर भी संपर्क कर सकते हैं।
इमरजेंसी सुविधाएं भी होंगी
प्रो. पीबी सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय में चिकित्सालय है। चिकित्सा व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए एमओयू साइन करने की तैयारी चल रही थी लेकिन कोरोना आ गया। इसके बावजूद मेडिकल कॉलेज से संपर्क किया जा रहा है कि कोई भी चिकित्सक मौजूद रहे। यदि किसी को बुखार या अन्य दिक्कत आए तो उसकी मौके पर जांच हो जाए। इसके अलावा अस्पताल में आक्सीजन बेड की व्यवस्था भी की जाएगी। इसके अलावा अन्य इमरजेंसी सुविधांए भी स्वास्थ्य केंद्र में सुनिश्चित की जाएंगी।
