बरेली: ग्रीष्मकालीन अवकाश में ऑनलाइन पढ़ाई का विरोध

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बरेली, अमृत विचार। कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप को लेकर एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय ने 1 मई से 31 मई तक ग्रीष्मकालीन अवकाश घोषित कर दिया है। इस अवकाश के दौरान विश्वविद्यालय ने ऑनलाइन पढ़ाई की शर्त भी रख दी है। इसके विरोध में कई शिक्षक हैं लेकिन खुलकर कोई बोल नहीं रहा है। शिक्षकों का …

बरेली, अमृत विचार। कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप को लेकर एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय ने 1 मई से 31 मई तक ग्रीष्मकालीन अवकाश घोषित कर दिया है। इस अवकाश के दौरान विश्वविद्यालय ने ऑनलाइन पढ़ाई की शर्त भी रख दी है। इसके विरोध में कई शिक्षक हैं लेकिन खुलकर कोई बोल नहीं रहा है। शिक्षकों का कहना है कि इस महामारी में लोग काफी परेशान हैं, ऐसे में ऑनलाइन कैसे पढ़ाएंगे। इससे पहले भी छात्र ऑनलाइन नहीं जुड़ रहे थे।

कोरोना महामारी के चलते सभी उच्च शिक्षण संस्थानों में करीब 15 दिनों से भौतिक कक्षाओं पर रोक लगी है। विश्वविद्यालय की परीक्षाएं भी 15 मई तक पहले ही स्थगित की जा चुकी हैं। विश्वविद्यालय व महाविद्यालयों में शिक्षक, अधिकारी व कर्मचारी न के बराबर आ रहे थे। क्योंकि या तो कोई संक्रमित था या फिर बीमार था। इसी वजह से विश्वविद्यालय को 6 मई तक पूर्ण रूप से भी बंद किया गया है। इसी के साथ ही विश्वविद्यालय व सभी महाविद्यालयों में ग्रीष्मकालीन अवकाश किया गया है।

ग्रीष्मकालीन अवकाश से पहले भी ऑनलाइन पढ़ाई जारी रखने के आदेश थे। शिक्षकों को इसका रिकार्ड भी रखना था। अब ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान भी ऑनलाइन पढ़ाई के विरोध में कई शिक्षक हैं। उनका कहना है कि जब पहले से ही कक्षाएं संचालित नहीं हो रही थीं और आनलाइन पढ़ाई हो रही थी तो ग्रीष्मकालीन अवकाश की जरूरत नहीं थी। यदि अवकाश किया था तो फिर पूरी तरह से करना चाहिए था, क्योंकि ऐसे हालात में ऑनलाइन पढ़ाई कराना मुश्किल है। यह भी बताया कि सेमेस्टर छात्रों का पाठ्यक्रम बचा है लेकिन छात्र किसी न किसी वजह से आनलाइन पढ़ाई से नहीं जुड़ते हैं।

कई छात्र घर में किसी के संक्रमित या बीमार होने की बात कहते हैं तो कोई मोबाइल व कम्प्यूटर न होने और इंटरनेट की समस्या बताते हैं। देहात क्षेत्र में रहने वाले छात्रों की संख्या अधिक है। इसके अलावा बड़े महाविद्यालयों में छात्रों की संख्या अधिक है, उन्हें ऑनलाइन जोड़ने में भी शिक्षकों को परेशानी आ रही हैं, क्योंकि कई महाविद्यालयों के पास छात्रों के मोबाइल नंबर ही नहीं हैं।

क्या कहते हैं शिक्षक
जब पहले से ही कक्षाएं संचालित नहीं हो रही थीं और आनलाइन पढ़ाई हो रही थी तो ग्रीष्मकालीन अवकाश की जरूरत नहीं थी। सेमेस्टर छात्रों का पाठ्यक्रम बचा है फिर भी छात्र ऑनलाईन पढ़ाई से नहीं जुड़ रहे। छात्रों की भी अपनी-अपनी समस्या है जिस वजह से वह ऑनलाईन पढ़ाई से वे नहीं जुड़ पाते।

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