टीएमसी सांसद ने राज्यपाल पर कसा तंज, ‘अपने पूरे गांव और खानदान को राजभवन में ले आए हैं अंकल जी’

Amrit Vichar Network
Published By Amrit Vichar
On

कोलकाता। राज्यपाल जगदीप धनखड़ पर राजभवन में ओएसडी पदों पर अपने परिवार के लोगों और परिचितों को नियुक्त करने का आरोप लगाते हुए तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने तंज कसते हुए कहा कि ‘अंकल जी’ अपने पूरे गांव और खानदान को राजभवन में ले आए हैं। टीएमसी सांसद महुआ मित्रा ने रविवार को …

कोलकाता। राज्यपाल जगदीप धनखड़ पर राजभवन में ओएसडी पदों पर अपने परिवार के लोगों और परिचितों को नियुक्त करने का आरोप लगाते हुए तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने तंज कसते हुए कहा कि ‘अंकल जी’ अपने पूरे गांव और खानदान को राजभवन में ले आए हैं। टीएमसी सांसद महुआ मित्रा ने रविवार को पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को ‘अंकल जी’ कहते हुए दावा किया कि उनके परिवार के सदस्यों और अन्य परिचितों को राजभवन में विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) नियुक्त किया गया है।

मोइत्रा ने एक सूची ट्विटर पर साझा की, जिसमें राज्यपाल के ओएसडी अभ्युदय शेखावत, ओएसडी-समन्वय अखिल चौधरी, ओएसडी-प्रशासन रुचि दुबे, ओएसडी-प्रोटोकॉल प्रसांत दीक्षित, ओएसडी-आईटी कौस्तव एस वलिकर और नव-नियुक्त ओएसडी किशन धनखड़ का नाम है। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद ने साथ ही कहा कि शेखावत धनखड़ के बहनोई के बेटे, रुचि दुबे उनके पूर्व एडीसी मेजर गोरांग दीक्षित की पत्नी तथा प्रसंत दीक्षित भाई हैं।

मोइत्रा ने कहा कि वलिकर, धनखड़ के मौजूदा एडीसी जनार्दन राव के बहनोई हैं जबकि किशन धनखड़ राज्यपाल के एक और करीबी रिश्तेदार हैं। मोइत्रा ने पश्चिम बंगाल की कानून-व्यवस्था को लेकर चिंता जताने से संबंधित धनखड़ के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, ”अंकल जी पश्चिम बंगाल की ‘चिंताजनक स्थिति’ सुधर जाएगी अगर आप क्षमा-याचना करके वापस दिल्ली चले जाएं और कोई अन्य नौकरी तलाश लें।

कुछ सुझाव हैं: 1. विपक्ष को कितना बेहतर तरीके से ठोको, इसको लेकर मुख्यमंत्री अजय बिष्ट योगी के सलाहकार बन जाइए। 2. महामारी के दौरान कैसे बेहतर तरीके से छुपा जाए, इसके लिये गृह मंत्री के सलाहकार बन जाइए। और हां, जब आप वापस जाएं तो पश्चिम बंगाल के राजभवन में बसे अपने भरे-पूरे परिवार को साथ ले जाएं।”

टीएमसी सांसद से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा, ”हम सभी के पास उसने सवाल पूछने का लोकतांत्रिक अधिकार है। वह राज्य सरकार से सवाल पूछते रहते हैं। मैं उनसे आइना देखने का अनुरोध करती हूं। वह अपने पूरे गांव और पूरे खानदान को राजभवन ले आए हैं।”

संबंधित समाचार