डॉ. सुनीत मिश्रा

झुर्रियों से लेकर ढेरों बीमारियों को दूर करता है सिंघाड़ा

सिंघाड़ा या ‘सिंघाण’ (संस्कृत : शृंगाटक) पानी में पसरने वाली एक लता में पैदा होने वाला एक तिकोने आकार का फल है। इसके सिर पर सींगों की तरह दो काँटे होते हैं। चीनी खाने का यह एक अभिन्न अंग है। इसको छील कर इसके गूदे को सुखाकर और फिर पीसकर जो आटा बनाया जाता है …
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