तुम्हारा स्वर

साथ चलो तो बात बने…

क्या होगा कहने भर से मात्र दिखावा ऊपर से। मन से साथ निभाओ तो साथ हमारे आओ तो। सुख-दुख मिलकर सह लेंगे काँटों में भी रह लेंगे। मेरे गीत तुम्हारा स्वर गूँजेगा धरती-अम्बर। मागूँ साथ मुझे वह दो कुछ मत सोचो हाँ कह दो। मन में मत दुविधा पालो और न कुछ देखो-भालो। इस मन …
साहित्य