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Ritikaal

‘रीतिकाल के राज्याश्रित महाकवि बिहारी के दोहे का परिचय’

महाकवि बिहारी की गणना रीतिकाल के राज्याश्रित कवियों में ही की जाती है। महाराज जयसिंह के दरबार में थे ही, किन्तु राजा के मन में उनका सम्मान इतना था कि जब राजा एक नयी-नवेली रानी के साथ राजकाज से भी विरत हो गये, तो बिहारी ने पहले बड़ी रानी से चिंता प्रकट की फिर उनकी …
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