हास्य रस

इधर भी गधे हैं, उधर भी गधे हैं, जिधर देखता हूं, गधे ही गधे हैं… ओम प्रकाश आदित्य

ओम प्रकाश आदित्य कवि सम्मेलनों में हास्य रस की प्रतिष्ठापना करने वाले अग्रणी कवि हैं। दूरदर्शन के समय में यानी 1970-80 के दशक में ओम प्रकाश आदित्य टेलीविजन पर हास्य कवि सम्मेलनों के प्रसिद्ध कवि थे। उन्होंने दिल्ली में एक शिक्षक के रूप में अपनी सेवाएं दी। प्रस्तुत हैं उनकी एक हास्य रचना- इधर भी …
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