हल्द्वानी: सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने समेत 12 सूत्रीय मांगों को लेकर किया प्रदर्शन

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हल्द्वानी, अमृत विचार। सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने और 21 हजार मासिक वेतन देने समेत 12 सूत्रीय मांगों को लेकर आशा कार्यकत्रियों ने दूसरे दिन भी कार्य बाहिष्कार जारी रखा। मंगलवार को ऐक्टू से संबद्ध उत्तराखंड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन के बैनर तले आशा कार्यकत्रियों ने महिला अस्पताल के सामने धरना देकर प्रदर्शन किया। इस …

हल्द्वानी, अमृत विचार। सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने और 21 हजार मासिक वेतन देने समेत 12 सूत्रीय मांगों को लेकर आशा कार्यकत्रियों ने दूसरे दिन भी कार्य बाहिष्कार जारी रखा।

मंगलवार को ऐक्टू से संबद्ध उत्तराखंड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन के बैनर तले आशा कार्यकत्रियों ने महिला अस्पताल के सामने धरना देकर प्रदर्शन किया। इस मौके पर हुई सभा को संबोधित करते हुए यूनियन की प्रदेश अध्यक्ष कमला कुंजवाल ने कहा कि जिस सरकार का काम शोषण से रक्षा का होना चाहिए वह सरकार की आशाओं के श्रम का लगातार शोषण कर रही है।

उन्होंने कहा कि हक और सम्मान की लड़ाई लड़ रहीं आशाएं एकता और संघर्ष के बल पर अवश्य जीतेंगी। यूनियन के प्रदेश महामंत्री डॉ. कैलाश पांडेय ने कहा कि पूरे कोरोना काल में आशाओं को उचित मात्रा में सेफ्टी किट नहीं दी गई। फिर भी उन्होंने जान जोखिम में डालकर कोरोना ड्यूटी की है।

प्रदर्शन करने वालों में रीना बाला, रिंकी जोशी, हेमा दुर्गापाल, भगवती बिष्ट, सरोज रावत, सुमन बिष्ट, वंदना तिवारी, बीना कोरंगा, माया शाह, लता तिवारी, अनुराधा, प्रीति रावत, पुष्पा आर्य, रजनी, अनीता, प्रेमा, रुखसाना, उमा दरमवाल, मुन्नी, ज्योित, राबिया, रमा भट्ट, आनंदी आर्य, तुलसी आर्य, छाया आदि थीं।

नैनीताल में भी गरजीं आशाएं
नैनीताल। 12 सूत्रीय मांगों को लेकर आशा कार्यकत्रियों का दूसरे दिन भी धरना- प्रदर्शन जारी रहा। मंगलवार को आशा कार्यकत्रियों ने नैनीताल के बीडी पांडे अस्पताल में नारेबाजी के साथ प्रदर्शन किया। इस दौरान हेमा, नीरु पुजारी, हेमा आर्य, गंगा आर्य, दीपा अधिकारी, विमला, भगवती शर्मा, पूनम शर्मा, चंपा जोशी, कमला, सुनीता आर्य, गीता नैनवाल, कुसुमलता सनवाल, सुधा आर्य समेत अन्य कार्यकर्ताएं मौजूद रहीं।

ये है मुख्य मांगें
1-आशा वर्करों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा और न्यूनतम 21 हजार वेतन लागू किया जाए।
2- जब तक मासिक वेतन और कर्मचारी का दर्जा नहीं मिलता तब तक आशाओं का मासिक मानदेय फिक्स किया जाए।
3- सभी आशाओं को सेवानिवृत्त होने पर पेंशन का प्रावधान किया जाए।
4- पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा घोषित कोरोना भत्ता तत्काल आशाओं के खाते में डाला जाए।
5- कोविड कार्य में लगी आशाओं वर्करों की 50 लाख का जीवन बीमा और 10 लाख का स्वास्थ्य बीमा लागू किया जाए ।
6- कोरोना ड्यूटी के क्रम में मृत आशा वर्करों के आश्रितों को 50 लाख का बीमा और 4 लाख का अनुग्रह अनुदान भुगतान किया जाए।

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