हल्द्वानी: कुमाऊं का प्रवेश द्वार, सड़कों का बुरा हाल

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हल्द्वानी, अमृत विचार। किसी भी शहर में नागरिक सुविधाओं का खास महत्व होता है। बिजली और पानी की निरंतर आपूर्ति के साथ बेहतर सड़कें उस शहर ही आर्थिक संपन्नता को बढ़ाती हैं। यदि हम कुमाऊं के मुख्य प्रवेश द्वार हल्द्वानी ग्रीन सिटी की बात करें तो तमाम सरकारी दावों के बावजूद मायूसी ही हाथ लगती …

हल्द्वानी, अमृत विचार। किसी भी शहर में नागरिक सुविधाओं का खास महत्व होता है। बिजली और पानी की निरंतर आपूर्ति के साथ बेहतर सड़कें उस शहर ही आर्थिक संपन्नता को बढ़ाती हैं। यदि हम कुमाऊं के मुख्य प्रवेश द्वार हल्द्वानी ग्रीन सिटी की बात करें तो तमाम सरकारी दावों के बावजूद मायूसी ही हाथ लगती है।

हल्द्वानी को कुमाऊं की व्यापारिक राजधानी माना जाता है क्योंकि हल्द्वानी से ही पर्वतीय इलाकों को राशन और सभी जरूरी सामान सप्लाई होता है। यही कारण है कि शांत वातावरण और हरियाली के चलते सैन्य, आईएएस एवं पीसीएस अधिकारियों ने सेवानिवृत्ति के बाद हल्द्वानी को ही अपना आशियाना बनाया। व्यापारिक दृष्टिकोण से आज हल्द्वानी में तमाम बड़े शोरूम और शॉपिंग मॉल विद्यमान हैं, जो आर्थिक संपन्नता का तो अहसास कराते हैं, लेकिन शहर के मुख्य और संपर्क मार्गों पर जगह-जगह गड्ढे और टूटी-फूटी सड़कें सरकारी कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाती हैं।

हल्द्वानी के कई मार्ग गड्ढों से भरे पड़े हैं। इनमें वे सड़कें भी शामिल हैं, जिनसे प्रमुख सरकारी कार्यालय होने के साथ ही पुलिस और प्रशासनिक अफसरों के आवास सटे हैं। स्टेडियम की दोनों तरफ की सड़कों का तो जैसे कोई मानक ही नहीं हैं। स्टेडियम की एक तरफ की टूटी-फूटी सड़क पर पत्थर तो डाल दिए गए, लेकिन अफसर बनाना भूल गए। पहले लोग गड्ढों में गिरकर और अब इन पत्थरों से फिसलकर चोटिल हो रहे हैं।
ट्रैफिक की भी मुख्य समस्या है।

पार्किंग की कमी के चलते जहां-कहां लोग अपनी गाड़ियां खड़ी करते हैं। शहर, जनसंख्या और कारोबार विस्तार के साथ ही दोपहिया और चौपहिया पहिया वाहनों की संख्या भी बढ़ती जा रही है, जबकि उस हिसाब से हल्द्वानी में सड़कों की मरम्मत, सड़कों का विस्तार एवं पार्किंग की व्यवस्थाओं का विस्तार नहीं हो पाया। इसके कारण सड़कों और बाजारों में जाम की समस्या भी चुनौती बन गई है। थोड़ी सी बरसात में सड़कों का तालाब बन जाना आम बात है।

कब सुध लेगा पीडब्ल्यूडी
उत्तराखंड राज्य सहकारी बैंक मुख्यालय के मुख्य गेट के बाहर यह नाली और जाली 20 दिनों से टूटी पड़ी है। यह जाली सड़क पर खड़ी अवस्था में टेढ़ी-मेढ़ी लगी हुई है, जो आने जाने वाले वाहनों एवं पैदल चालकों के लिए कभी भी बड़े हादसे का कारण बन सकती है। स्टेडियम के आगे आयुर्वेदिक चिकित्सालय एवं उसके ठीक बगल में कुमाऊं कमिश्नर कार्यालय एवं निवास है, लेकिन उसके बावजूद किसी अफसर को यह ब्लैक स्पॉट नहीं दिखाई दे रहा।

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