दावा: तीसरी लहर से निपटने को भारत तैयार, 58% लोग आश्वस्त लेकिन 13% की राय जुदा

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नई दिल्ली। एक सर्वेक्षण में शाामिल किये गये 58 प्रतिशत लोग इसे लेकर आश्वस्त हैं कि भारत कोविड-19 की तीसरी लहर से निपटने के लिए बखूबी तैयार है। सामुदायिक सोशल मीडिया मंच लोकलसर्कल्स ने गुरुवार को यह दावा किया। लोकलसर्कल्स द्वारा किये गये सर्वेक्षण में शामिल किये गये लोगों से यह सवाल पूछा गया था …

नई दिल्ली। एक सर्वेक्षण में शाामिल किये गये 58 प्रतिशत लोग इसे लेकर आश्वस्त हैं कि भारत कोविड-19 की तीसरी लहर से निपटने के लिए बखूबी तैयार है। सामुदायिक सोशल मीडिया मंच लोकलसर्कल्स ने गुरुवार को यह दावा किया।

लोकलसर्कल्स द्वारा किये गये सर्वेक्षण में शामिल किये गये लोगों से यह सवाल पूछा गया था कि वे अगस्त-दिसंबर 2021 में कोरोना वायरस महामारी की संभावित तीसरी लहर से निपटने में भारत की तैयारियों को लेकर कितने आश्वस्त महसूस कर रहे हैं। इसके 8,880 जवाब मिले। सर्वेक्षण में पूछे गये सवालों का जवाब देने वाले करीब 26 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे ‘अत्यधिक आश्वस्त’ हैं।

करीब 32 प्रतिशत ने कहा कि वे ‘कुछ न कुछ आश्वस्त हैं। 25 प्रतिशत ने इस बात का जिक्र किया कि वे ‘बहुत कम आश्वस्त’ हैं। करीब 13 प्रतिशत ने कहा कि वे ‘जरा सा भी आश्वस्त’ नहीं हैं, जबकि चार प्रतिशत ने अपने विचार प्रकट नहीं किये। लोकलसर्कल्स ने एक बयान में कहा, ”कुल 58 प्रतिशत नागरिक इसे लेकर आश्वस्त हैं कि भारत आने वाले महीनों में कोविड की तीसरी लहर से निपटने के लिए बखूबी तैयार हैं।”

उल्लेखनीय है कि मार्च 2021 में जब लोकलसर्कल्स ने नागरिकों से कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर से निपटने की भारत की क्षमता के बारे में पूछा था, तब सिर्फ 41 प्रतिशत लोगों ने ही यह विश्वास प्रकट किया था कि भारत दूसरी लहर से प्रभावी तरीके से निपटने में सक्षम है।

सर्वेक्षण में लोगों से यह भी पूछा गया कि वे कोविड के प्रभाव से अगले एक साल में अर्थव्यवस्था के उबरने को किस तरह से देखते हैं। सर्वेक्षण में इस सवाल के 11,081 जवाब मिले, जिनमें 33 प्रतिशत ने कहा कि इसे लेकर आशावादी हैं कि अर्थव्यवस्था पूरी तरह से उबर जाएगी और कोविड पूर्व 2019-20 के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) स्तर को पार कर जाएगी।

वहीं, 11 प्रतिशत लोगों ने कहा कि यह पूरी तरह से उबर जाएगी लेकिन पूर्व कोविड 2019-20 के स्तर को पार नहीं कर पाएगी। कुल मिलाकर, हर चार में तीन भारतीय को उम्मीद है कि एक साल के अंदर भारत कोविड से आर्थिक रूप से उबरने में काफी हद तक सफल रहेगा।

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