बरेली: घरों को हरित घर बनाने को संघ दिलाएगा परिवारों को संकल्प

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बरेली, अमृत विचार। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ब्रजप्रांत की पर्यावरण संरक्षण गतिविधि ने रक्षाबंधन के मौके पर साप्ताहिक कार्यक्रम प्रकृति वंदन की शुरूआत की है। वृक्षों को रक्षासूत्र बांधकर कार्यक्रम प्रारंभ किया। बहनों ने भाई की कलाई के साथ-साथ वृक्षों को रक्षासूत्र बांधकर प्रकृति रक्षा का संकल्प लिया। पर्यावरण संरक्षण गतिविधि ब्रजप्रांत का कार्यक्रम 29 अगस्त …

बरेली, अमृत विचार। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ब्रजप्रांत की पर्यावरण संरक्षण गतिविधि ने रक्षाबंधन के मौके पर साप्ताहिक कार्यक्रम प्रकृति वंदन की शुरूआत की है। वृक्षों को रक्षासूत्र बांधकर कार्यक्रम प्रारंभ किया। बहनों ने भाई की कलाई के साथ-साथ वृक्षों को रक्षासूत्र बांधकर प्रकृति रक्षा का संकल्प लिया। पर्यावरण संरक्षण गतिविधि ब्रजप्रांत का कार्यक्रम 29 अगस्त तक चलेगा। इस बीच आकाश, जल, पृथ्वी, वायु और अग्नि पंचतत्वों का पूजन और इनके संरक्षण का संकल्प परिवारों को दिलाया जाएगा।

शनिवार के दिन जीव संरक्षण का संकल्प लेना है। इसके बाद रविवार (29 अगस्त) सुबह 9:30 बजे सपरिवार पंचतत्व के पूजन और उनकी रक्षा का संकल्प लेने का आग्रह किया गया है। पर्यावरण संरक्षण गतिविधि का प्रयास है कि साप्ताहिक कार्यक्रम के माध्यम से लोगों में प्रकृति के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाना और अपने घरों को हरित घर बनाना है। जिसमें जल का संरक्षण, पेड़ लगाने, पॉलीथीन का इस्तेमाल नहीं करने या कम करने व ऊर्जा का दुरुपयोग नहीं करने, जीवों की चिंता करने, पानी या पक्षियों का दाना अपनी छत पर रखना शामिल है।

प्रकृति वंदन कार्यक्रम से जुड़ने के लिए परिवारों का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन भी कराया गया है। जिससे कितने परिवार हमसे जुड़े उसका एक अनुमान प्राप्त किया जा सके। अब तक कार्यक्रम के निमित्त छह लाख लोगों ने रजिस्ट्रेशन किया है। ब्रजप्रांत पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के प्रांत प्रचार प्रमुख धर्मेंद्र सचान ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण गतिविधि आमजन से आग्रह करती है कि प्रकृति वंदन कार्यक्रम का हिस्सा बनें। सब मिलकर एक नए कल का सृजन करें।

वहीं, रक्षाबंधन के मौके पर ब्रजप्रांत पर्यावरण संरक्षण गतिविधि से जुड़ी महिलाओं ने पेड़ों को राखी बांधकर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया। हरीश चंद्र भाटिया, सुधा भाटिया, सुनील वाधवा, रेनू वाधवा, गार्गी भाटिया ने पेड़ों को राखियां बांधी।

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