‘गंगा अगर साफ है तो कहीं भी इसका जल पीने योग्य होना चाहिए, पर्यावरणीय बहाव सुनिश्चित करने की जरूरत’

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नई दिल्ली। आरएसएस के पूर्व विचारक और भाजपा के पूर्व नेता के. एन. गोविंदाचार्य ने शुक्रवार को कहा कि गंगा का जल कहीं भी पीने योग्य होना चाहिए और गंगा साफ हुई या नहीं, इसका पैमाना यही होना चाहिए। उन्होंने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि गंगा का ”पर्यावरणीय बहाव” सुनिश्चित करने की जरूरत है। …

नई दिल्ली। आरएसएस के पूर्व विचारक और भाजपा के पूर्व नेता के. एन. गोविंदाचार्य ने शुक्रवार को कहा कि गंगा का जल कहीं भी पीने योग्य होना चाहिए और गंगा साफ हुई या नहीं, इसका पैमाना यही होना चाहिए। उन्होंने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि गंगा का ”पर्यावरणीय बहाव” सुनिश्चित करने की जरूरत है। गोविंदाचार्य 28 अगस्त से 18 दिनों की ‘यमुना यात्रा’ पर हैं। उन्होंने पिछले वर्ष अक्टूबर में राम तपस्थली से गंगासागर तक ‘गंगा यात्रा’ पूर्ण की थी।

उन्होंने पिछले वर्ष मध्य प्रदेश में अमरकंटक में नर्मदा नदी के किनारे 29 दिनों की यात्रा निकाली थी। यह पूछने पर कि क्या यात्रा के दौरान उन्होंने गंगा के जल को साफ पाया, तो उन्होंने कहा, ”अब भी काफी कुछ किया जाना है। गंगा जल किसी भी स्थान पर पीने योग्य होना चाहिए। नदी साफ है अथवा नहीं इसका पैमाना भी यही होना चाहिए।”

उन्होंने कहा कि 15 सितंबर को इलाहाबाद के प्रयाग में ‘यमुना यात्रा’ पूरी करने के बाद वह गंगा, नर्मदा और यमुना पर विस्तृत रिपोर्ट देंगे। उन्होंने कहा, ”इसका उचित तरीके से दस्तावेजीकरण करने की जरूरत है। यह योजना का हिस्सा है।” गोविंदाचार्य ने कहा कि वह तीनों नदियों की यात्रा पर इसलिए निकले ताकि लोगों का ध्यान उनकी दशा की तरफ खींच सकें।

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