बरेली: 15वें वित्त आयोग में पंचायत की 30 फीसदी झोली खाली
बरेली,अमृत विचार। ग्राम पंचायतों में विकास के लिए 15वें वित्त आयोग के तहत मिलने वाली धनराशि में सरकार ने 30 प्रतिशत कटौती कर दी है। इसकी आधी-आधी धनराशि का बंटवारा क्षेत्र पंचायतों और जिला पंचायतों के बीच किया जाएगा। अफसरों के मुताबिक अभी तक क्षेत्र पंचायतों को विकास कार्यों के लिए अलग से कोई बजट …
बरेली,अमृत विचार। ग्राम पंचायतों में विकास के लिए 15वें वित्त आयोग के तहत मिलने वाली धनराशि में सरकार ने 30 प्रतिशत कटौती कर दी है। इसकी आधी-आधी धनराशि का बंटवारा क्षेत्र पंचायतों और जिला पंचायतों के बीच किया जाएगा। अफसरों के मुताबिक अभी तक क्षेत्र पंचायतों को विकास कार्यों के लिए अलग से कोई बजट आवंटित नहीं होता था। पहली बार यह प्रावधान किया गया है।
जिले में 1193 ग्राम पंचायत और 15 ब्लाक हैं। नए प्रधानों ने गांव की कमान मिलने पर विकास कार्य कराना शुरू कर दिए हैं। पंचायतों का फोकस सबसे अधिक पंचायत भवन और सामुदायिक शौचालयों पर है। पंचायती राज विभाग से मिली जानकारी के अनुसार गांवों के चहुमुखी विकास कार्यों के लिए 15वें वित्त आयोग से धन आवंटन शुरू हो गया है। अभी तक 14वें वित्त आयोग के तहत मिलने वाली धनराशि का पूरा पैसा ग्राम पंचायतों को जाता था। लेकिन नई व्यवस्था में इसमें 30 प्रतिशत की कटौती की गई है।
डीपीआरओ धर्मेंद्र कुमार ने बताया वित्त आयोग से आवंटित धन में से 15 प्रतिशत धनराशि क्षेत्र पंचायतों और 15 प्रतिशत धनराशि जिला पंचायतों को देने का प्रावधान किया गया है। वित्त आयोग की 70 प्रतिशत धनराशि पंचायतों को विकास कार्यों के लिए मिलेगी। उन्होंने बताया कि 15वें वित्त आयोग का पैसा आना शुरू हो गया है। पैसा सीधा पंचायतों के खाते में जाता है। क्षेत्र पंचायतों व जिला पंचायतों का पैसा भी सीधा उनके खाते में जाएगा।
इसके अलावा शासन ने क्षेत्र पंचायतों द्वारा खर्च किए जाने वाले धन की प्राथमिकता तय कर दी है। क्षेत्र पंचायत को आवंटित धन की आधी राशि स्वच्छता अभियान जैसे राष्ट्रीय अभियान में खर्च होगी। शेष पैसा गांवों में खड़ंजा, नाली निर्माण आदि के विकास कार्य पर खर्च होंगे।
आबादी के अनुरूप होगा राशि का बंटवारा
विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक केंद्र से राशि प्राप्त होने पर सीधे इसे संबंधित पंचायतों के बैंक खाते में भेजी जाएगी। पंचायतों की आबादी के अनुरूप राशि का बंटवारा होगा। वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर आबादी की गणना की जाएगी। इसके अलावा वित्त आयोग ने यह भी साफ किया है कि इस राशि का उपयोग पंचायतों में विकास कार्य के साथ पेयजल आपूर्ति में भी होगा।
