मोहब्बत के सफ़र को एक हसीं आग़ाज़ दे देना…
मोहब्बत के सफ़र को एक हसीं आग़ाज़ दे देना, मेरा कल मुस्कुरा उठे तुम ऐसा आज दे देना, वफ़ाएँ देख लेना तुम तुम्हारी प्यार की ख़ातिर, चली आऊँगी मैं सब छोड़ कर आवाज़ दे देना। नज़र भर देख लूँ उसको दुआ दिन रात करती थी, मगर ज़ाहिर नहीं दिल के कोई जज़्बात करती थी, यही …
मोहब्बत के सफ़र को एक हसीं आग़ाज़ दे देना,
मेरा कल मुस्कुरा उठे तुम ऐसा आज दे देना,
वफ़ाएँ देख लेना तुम तुम्हारी प्यार की ख़ातिर,
चली आऊँगी मैं सब छोड़ कर आवाज़ दे देना।
नज़र भर देख लूँ उसको दुआ दिन रात करती थी,
मगर ज़ाहिर नहीं दिल के कोई जज़्बात करती थी,
यही था प्यार शायद चाँद तारों से अकेले में,
वो मेरी बात करता था मैं उसकी बात करती थी।
जहाँ पर सच, दया ,सम्मान और इमां रहता है,
वही जाकर वो अल्लाह और वो भगवन रहता है,
अगर तूने निकला है किसी के पॉ का कटा,
तो ये तय है तेरे दिल में कोई इंसान रहता है।
शाम भी खास है वक़्त भी खास है,
मुझको एहसास है तुझको एहसास है,
इससे ज्यादा हमें और क्या चाहिए,
मैं तेरे पास हूँ तू मेरे पास है।
एक रिश्ता नया रेश्मी सा बुनो,
मैंने तुमको चुना तुम भी मुझको चुनो,
ज़िन्दगी प्रेम की है कहानी जैसे,
तुम कहो मैं सुनु मैं कहु तुम सुनो।
मै तेरे नाम हो जाऊ तू मेरे नाम हो जाये,
मै तेरा दाम हो जाऊ तू मेरा दाम हो जाये,
न राधा सा न मीरा सा विरह मंजूर है मुझको,
बनू मै रुक्मणी तेरी तू मेरा श्याम हो जाये।
मोहब्बत जिनको होती है मुक्कदर रूठ जाता है,
मुशाफिर संग जो चलता सफर में छूट जाता है,
दिल से खेलने मत दो कभी नादाँ लोगो को,
खिलौना कांच का है ये की अकसर टूट जाता है।
जो तुम मगरूर तो हो मुझे मगरूर मत समझो,
मेरी इन रास्तों को मंज़िलो से दूर मत समझो,
शराफत को मेरी कमज़ोरी का नाम मत देना,
मैं चुप हु सोचकर के कुछ मुझे मजबूर मत समझो।
भटकना जिनकी आदात ह कभी वो घर नै पते,
की गूँगे गीत जिस तरह कभी स्वर नहीं पाते,
लिखा इतिहास में भगवन से भड़कर गुरु होते,
गुरु निंदा जो करते है कभी वो तर नै पते।
चंदा की चकोरि से कभी बात न होती,
अगर तुमसे हमारी ये मुलाकात न होती,
इस शहर के लोगो में कोई बात है अम्बर,
वरना तो कभी इतनी हसीं रात न होती।
तुम अपने दोस्तों को वक़्त पे इंकार मत करना,
किसी भी अजनबी से प्यार मत करना,
ए मेरे दोस्त तुझको आज मेरा मश्वरह है ये,
न मालूम हो गहराई तो दरिया पार मत करना।
फैसला कोई भी हो दिल में उतर कर करना,
जो तुझको दिल में रखे उसको हमसफ़र करना,
मेरे माथे की लकीरें भी यही कहती है अम्बर,
ये मोहबत है जरा सोच समझ कर करना।
- अनामिका अम्बर जैन
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