झांसी वासियों ने किया वीरांगना झलकारी बाई को याद
झांसी। झांसी की महारानी लक्ष्मीबाई की नियमित दुर्गा सेना की सेनापति वीरांगना झलकारीबाई की 191वीं जयंती पर उत्तर प्रदेश के झांसी में राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों और लोगों ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर शहर कांग्रेस कमेटी के तत्वाधान में श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और …
झांसी। झांसी की महारानी लक्ष्मीबाई की नियमित दुर्गा सेना की सेनापति वीरांगना झलकारीबाई की 191वीं जयंती पर उत्तर प्रदेश के झांसी में राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों और लोगों ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर शहर कांग्रेस कमेटी के तत्वाधान में श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
जिसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री प्रदीप जैन आदित्य ने कहा कि वीरांगना झलकारी बाई का शौर्य भुलाया नहीं जा सकता। वह रानी महारानी लक्ष्मीबाई की प्रमुख सखी के रूप में इतिहास में जानी जाती हैं। हम उन्हें शत शत नमन करते हैं! महानगर अध्यक्ष अरविंद वशिष्ठ ने कहा की वीरांगना झलकारी बाई महारानी लक्ष्मीबाई की हमशक्ल थी और साहस की प्रतिमूर्ति थी।
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उन्होंने अंग्रेजों को महारानी का रूप रख रोके रखा और महारानी लक्ष्मी बाई को किले से बाहर निकाल दिया। उन्होंने अदम साहस का परिचय दिया और अपनी वीर भूमि के लिए और महारानी लक्ष्मीबाई के लिए और मातृभूमि के प्रति समर्पण निभाते हुए शहीद हो गई ऐसी वीरांगना को हम नमन करते हैं। समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष महेश कश्यप के नेतृत्व में जीवन शाह तिराहे पर स्थापित स्वतंत्रता संग्राम प्रथम दीपशिखा झलकारी बाई की प्रतिमा पर 191वीं जयंती मनाते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस दौरान कश्यप ने कहा कि वीरांगना झलकारी बाई की शहादत को भुलाया नहीं जा सकता। जिस तरह उन्होंने महारानी लक्ष्मी बाई के साथ कंधे से कंधा मिलाकर अंग्रेजों को भगाने में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा। उन्होंने महारानी लक्ष्मी बाई सेवा तन मन से की। इसके अलावा अलग-अलग सामाजिक संगठनों ने भी झलकारीबाई की प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित किये।
