रामचरितमानस भगवान का 25वां अवतार: मोरारी बापू
अयोध्या। कारसेवकपुरम में दूसरे दिन रामकथा कहते हुए मोरारी बापू ने कहा कि रामचरितमानस भगवान का 25वां अवतार है जो आपकी झोली में है। इसे बस आपको अपने हृदय तक ले जाना है। मोरारी बापू ने कहा कि श्रीकाग भुशुंडि और पक्षिराज गरुण के संवाद से भगवान श्रीराम के वन गमन प्रसंग की व्याख्या भी …
अयोध्या। कारसेवकपुरम में दूसरे दिन रामकथा कहते हुए मोरारी बापू ने कहा कि रामचरितमानस भगवान का 25वां अवतार है जो आपकी झोली में है। इसे बस आपको अपने हृदय तक ले जाना है। मोरारी बापू ने कहा कि श्रीकाग भुशुंडि और पक्षिराज गरुण के संवाद से भगवान श्रीराम के वन गमन प्रसंग की व्याख्या भी की। इस दौरान श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गए।
बापू ने मंगलाचरण का विवेचन करते हुए कहा कि मात्र उच्चारण की शुद्धि से ही सिद्धि नहीं होगी। इसके साथ आचरण भी मंगल हो तभी सिद्धि दायक होगा। अयोध्या कांड मंगलाचरण के प्रथम श्लोक में शिवजी सहित भगवती पार्वती की वंदना गाते हुए बापू ने बताया कि अभिषेक मात्र अजन्मा का होता है, जबकि देहधारी का मात्र स्नान होता है। तो अजन्मा मात्र महादेव शिव जी हैं, वहीं मात्र नीलकंठ हैं।
बापू ने मानस को रामचरित के साथ साधु चरितमानस बताते हुए साधुता का अर्थ बताया कि साधु वही है जो सावधान रहे। जो संसार में रहते हुए भी तपस्वी सा जीवन जिये वह साधु है। बापू ने श्रीकाग भुशुंडि और पक्षिराज गरुण के संवाद से भगवान श्रीराम के वन गमन प्रसंग की व्याख्या की। उन्होंने मानस के अद्भुत रहस्य को उद्घाटित करते हुए कहा कि श्रीराम चरित मानस में मंगलाचरण के कुल 23 श्लोक हैं जो क्रमश: बालकांड में 7,अयोध्या कांड में 3,अरण्य कांड में 2,किष्किन्धा कांड में 2,सुंदरकांड में 3, लंका कांड में 3 और उत्तर कांड में 3 हैं।
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रामनगरी को बताया योगीनगरी
राम जन्मभूमि निर्माण से उत्साहित बापू ने व्यासपीठ से मंदिर निर्माण हेतु अनेकों महापुरुषों के त्याग-समर्पण को प्रणाम करते हुए साकेतवासी महंत रामचंद्र दास परमहंस का स्मरण किया और अयोध्या को रामनगरी के साथ ही योगी जी वाली नगरी बताया’ कहा कि अयोध्या का सचमुच अब विश्रामदायी विकास हो रहा है। इस मौके पर बापू ने काशी के सौंदर्य और विकास के लिए प्रधानमंत्री मोदी को भी धन्यवाद ज्ञापित किया।
