बरेली: डाक्टर नहीं, कैसे मिलेगा कोरोना संक्रमित नौनिहालों को इलाज
बरेली, अमृत विचार। कोरोना तेजी से पांव पसार रहा है। ऐसे में शासन लगातार व्यवस्थाएं चाक-चौबंद करने के दिशा-निर्देश दे रहा है लेकिन जिले के 300 बेड कोविड चिकित्सालय मानव संसाधन की कमी से जूझ रहा है। बता दें कि पूर्व से ही कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों के संक्रमित होने की आशंका शासन …
बरेली, अमृत विचार। कोरोना तेजी से पांव पसार रहा है। ऐसे में शासन लगातार व्यवस्थाएं चाक-चौबंद करने के दिशा-निर्देश दे रहा है लेकिन जिले के 300 बेड कोविड चिकित्सालय मानव संसाधन की कमी से जूझ रहा है। बता दें कि पूर्व से ही कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों के संक्रमित होने की आशंका शासन स्तर से जताई जा रही थी।
ऐसे में 300 बेड कोविड चिकित्सालय में 80 बेड का पीकू यानि पीडियाट्रिक आईसीयू वार्ड तो बना दिया गया लेकिन यहां बाल रोग विशेषज्ञ की तैनाती नहीं की। भविष्य में अगर बच्चे कोरोना संक्रमित हुए। उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया तो उन्हें इलाज कौन देगा, यह सवाल उठना लाजिमी है।
प्रबंधन के अनुसार वर्तमान में अस्पताल में दो डाक्टर तैनात हैं। एक बाल रोग विशेषज्ञ समेत तीन डाक्टरों के पद रिक्त हैं। मरीजों की देखरेख के लिए वर्तमान मे महज तीन नर्स हैं। तीन नर्सिंग स्टाफ के पद भी रिक्त हैं।
अस्पताल के प्रभारी सीएमएस डॉ. सतीश चंद्रा के अनुसार पीकू वार्ड पूर्व में ही तैयार कर लिया गया था, लेकिन बाल रोग विशेषज्ञ की तैनाती अभी नहीं हो सकी है। इस बाबत उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। जल्द तैनाती कर दी जाएगी।
