राष्ट्रीय बालिका दिवस : अपने दम पर समाज के गुलशन को महका रहीं हैं बेटियां

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जूही/अमृत विचार। जरूरी नहीं रोशनी चिरागों से ही हो, बेटियां भी घर में उजाला करती हैं…। यह पंक्तियां बिल्कुल सटीक हैं। सच है कि हर घर की रोशन बेटियों से ही होती है। बेटी है तो वंश है। बेटी व्यापार संभालती हैं व अंत्येष्टि में मुखाग्नि भी देती हैं। बेटियों के जन्म और परवरिश को …

जूही/अमृत विचार। जरूरी नहीं रोशनी चिरागों से ही हो, बेटियां भी घर में उजाला करती हैं…। यह पंक्तियां बिल्कुल सटीक हैं। सच है कि हर घर की रोशन बेटियों से ही होती है। बेटी है तो वंश है। बेटी व्यापार संभालती हैं व अंत्येष्टि में मुखाग्नि भी देती हैं। बेटियों के जन्म और परवरिश को लेकर लोगों का नजरिया बदला है। परिवर्तन की इस बयार में बेटियां खुल कर जी रहीं हैं, क्योंकि उन्हें मिल रहा है सकारात्मक मानसिकता वाले अभिभावकों का साथ। ऐसे में बेटियों ने घर परिवार से निकलकर हर क्षेत्र में अपना अलग मुकाम और पहचान बनाई है। राष्ट्रीय बालिका दिवस पर उत्कृष्ट कार्य करने वाली बेटियों से बातचीत के कुछ अंश…

पिता की प्रेरणा से महिमा बन गईं नगर निगम में पार्षद

महिमा भारद्वाज

गोविंद नगर निवासी महिमा भारद्वाज ने बताया कि पिता की प्रेरणा से उसने प्रदेश में सबसे कम उम्र की पार्षद की उपलब्धि हासिल की है। बताया कि वह 21 साल की उम्र में 2017 में नगर निगम की पार्षद बनीं। वह यूपी की सबसे कम उम्र की युवा पार्षद हैं। उनके क्षेत्र में फुट ओवर ब्रिज का काम शुरू हुआ था। महिमा ने एमएससी सूक्ष्म जीव विज्ञान की शिक्षा हासिल की है। उनका लक्ष्य है कि वह स्वर्गीय पिता गगन शर्मा की पहचान को बरकरार रखें।

परिवार ने बढ़ाया उत्साह तो मेघना बनीं खिलाड़ी

मेघना सिंह

27 वर्षीय मेघना सिंह क्रिकेट की ऑलराउंडर खिलाड़ी हैं। मुरादाबाद रेलवे स्टेशन पर बुकिंग क्लर्क से अंतरराष्ट्रीय महिला क्रिकेट तक पहुंचना मेघना के लिए आसान नहीं है। मेघना कस्बा कोतवाली देहात से 24 किलोमीटर का सफर बस से तय करके बिजनौर स्टेडियम जाती थी। इसके बाद उनका चयन उत्तर प्रदेश महिला क्रिकेट टीम में हो गया। विश्व कप के लिए भारतीय क्रिकेट टीम में उनका नाम किसी उपलब्धि से कम नहीं है।

बच्चों को शिक्षित कर रही हैं शिल्पी

शिल्पी सैनी

लाइनपार मझोला निवासी शिल्पी सैनी का लक्ष्य घर-घर शिक्षा की अलख जगाने का है। बच्चों को शिक्षण सामग्री से लेकर उन्हें निशुल्क पढ़ाने का बीड़ा शिल्पी ने उठाया है। शिल्पी द्वारा मनोहरपुर गांव, कटघर, चाउ की बस्ती रेलवे स्टेशन तथा मझौली में बच्चों को एकत्रित कर उन्हें शिक्षित किया जा रहा है।

फिल्मों में पहचान बना रहीं उजाली राज

उजाली राज

गौर ग्रेशियस कॉलोनी की उजाली राज फिल्मों में पहचान बना रहीं हैं। 24 वर्षीय उजाली राज ने लखनऊ में अभिनय का ककहरा सीखा है। पहली फिल्म में अमिताभ बच्चन और आयुष्मान खुराना के साथ काम करने का मौका मिला।

अपने डिजाइन से पहचान बना रहीं वैशाली

वैशाली जैन

लाजपत नगर निवासी वैशाली जैन बताती हैं कि कोरोना काल में बेरोजगारी को बढ़ता देख उन्होंने खुद का ही व्यापार शुरू करने की ठानी। बताया कि जयपुर से क्राफ्ट प्रोडक्ट डिजाइनिंग की पढ़ाई की थी, 2019 में हैंड मेड एंड हैंड क्राफ्टेड वस्तुओं का ऑनलाइन बिजनेस शुरू कर दिया। बचपन से ही बिजनेस वुमेन बनना चाहती थी। इस फील्ड में जिस एक मुश्किल का सामना करना पड़ा है, वह है लोगों को हैंडीक्राफ्ट्स और डिजाइन की वैल्यू समझाना। अक्सर लोग चीजों को पैसों में तोलते हैं मेहनत और वक्त को नहीं समझते पर मैंने हार नहीं मानी। अब उनके द्वारा तैयार की गईं वस्तुएं विभिन्न राज्यों में जा रही हैं।

 

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