लखनऊ: गणतंत्र दिवस पर इस बार तिरंगे की बिक्री हुई प्रभावित, ये है वजह…
लखनऊ। गणतंत्र दिवस समारोह को लेकर राजधानी नए रंग में है। जिला प्रशासन स्तर से गणतंत्र दिवस समारोह की तैयारियों का खाका पूरा हो गया है, पर इस बार कोरोना संक्रमण की मार से राष्ट्रभक्ति की भावना भी संक्रमित सी दिख रही है। संक्रमण के असर के चलते तिरंगे की बिक्री बेहद प्रभावित है। 1 …
लखनऊ। गणतंत्र दिवस समारोह को लेकर राजधानी नए रंग में है। जिला प्रशासन स्तर से गणतंत्र दिवस समारोह की तैयारियों का खाका पूरा हो गया है, पर इस बार कोरोना संक्रमण की मार से राष्ट्रभक्ति की भावना भी संक्रमित सी दिख रही है। संक्रमण के असर के चलते तिरंगे की बिक्री बेहद प्रभावित है। 1
पिछले साल की तुलना में 80 प्रतिशत तक गिरी तिरंगे की मांग
राजधानी की सड़कों पर ठेले लगाकर तिरंगे बेचकर घर चलाने वाले फेरी वालों की स्थिति बेहद दयनीय है। फेरी वालों का कहना है कि कोरोना संक्रमण के चलते इक्का-दुक्का ही ग्राहक आ रहे हैं। पिछले वर्ष की तुलना में इस बार तिरंगे की बिक्री 80 प्रतिशत तक गिर गई है।
स्कूल-कॉलेज बंद होना भी बना मुसीबत
स्कूल-कॉलेज बंद होना फेरी वालों के लिए मुसीबत बना हुआ है। दरअसल कोविड संक्रमण व ठंड के चलते सरकार के आदेश पर राजधानी में स्कूल-कॉलेज बंद हैं। इसके कारण भी तिरंगे की बिक्री काफी प्रभावित है। स्कूल में होने वाले गणतंत्र दिवस आयोजनों से फेरी वालों की अच्छी बिक्री हो जाती थी, पर अब स्कूल-कॉलेज बंद होने के कारण बच्चे भी घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं। नतीजन तिरंगे नहीं बिक रहे हैं।
बैज और स्टीकर ज्यादा लुभावने
झंडे के साथ-साथ इस बार कई तरह के बैज और स्टीकर भी मार्केट में लाये गये हैं। वहीं तिरंगे से सजी ब्रेसलेट, हेयरबैंड, कागजी बैज, रिस्ट बैंड, हैट, टेबल स्टैंड, टेबल वॉच स्टैंडी व बाइक पर लगने वाला होल्डिंग फ्लैग भी लोगों को काफी लुभा रहा है। फेरीवालों को 25 व 26 जनवरी को अच्छा व्यापार होने की उम्मीद है।
सुबह से आये है लेकिन सौ रुपये तक की बिक्री नहीं हो पाई है। इस बार हमारा कारोबार धराशायी है।
–गुन्नू कश्यप, फेरी वाला
पिछली बार इतनी देर खड़े होकर बात करने की फुर्सत नहीं थी। इतना सामान बिकता था। इस बार खरीददार के नाम पर संख्या जीरो है।
– मो. कलीम, फेरी वाला
ये भी पढ़ें: लखनऊ: जमीन पर उतरकर गायब हो गई ‘अन्नपूर्णा योजना’, पांच रुपए में मिलना था भोजन…
