बरेली: फिरकापरस्त ताकतों को हराना जरूरी-अदनान मियां
बरेली, अमृत विचार। आल इंडिया रजा एक्शन कमेटी (आरएसी) ने मंगलवार को प्रदेश भर के जिलों से आए संगठन के जिलाध्यक्षों, शहर अध्यक्षों समेत दूसरे वरिष्ठ पदाधिकारियों और उलेमा के साथ एक बैठक की। आंतरिक बैठक के दौरान कहा गया कि संगठन के नायब सदर अदनान मियां के फैसले पर अमल करते हुए फिरकापरस्त ताकतों …
बरेली, अमृत विचार। आल इंडिया रजा एक्शन कमेटी (आरएसी) ने मंगलवार को प्रदेश भर के जिलों से आए संगठन के जिलाध्यक्षों, शहर अध्यक्षों समेत दूसरे वरिष्ठ पदाधिकारियों और उलेमा के साथ एक बैठक की। आंतरिक बैठक के दौरान कहा गया कि संगठन के नायब सदर अदनान मियां के फैसले पर अमल करते हुए फिरकापरस्त ताकतों को हराने के लिए पूरा जोर लगाया जाएगा। अदनान मियां ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि दरगाह आला हजरत का सियासी इस्तेमाल बिल्कुल नहीं होना चाहिए। बैठक में बरेली, बदायूं, पीलीभीत, शाहजहांपुर, रामपुर, मुरादाबाद, अमरोहा, बिजनौर, लखीमपुर खीरी समेत कई जिलों से आए पदाधिकारी शामिल हुए।
बैठक की अध्यक्षता नायब सदर मौलाना अदनान रजा कादरी ने की। उन्होंने सबसे पहले आरएसी को मजबूत बनाने पर जोर दिया। मौलाना अदनान मियां ने कहा कि सांप्रदायिक ताकतों ने देश भर में अमन-चैन से रहने वालों का जीना दूभर कर दिया है। इसके बाद राष्ट्रीय युवा अध्यक्ष अब्दुल्ला रजा कादरी ने विभिन्न जिलों और शहरों से आए अध्यक्षों को संबोधित करते हुए कहा कि आरएसी ने देश-प्रदेश के हालात समझने और राय-मश्विरा किया है।
बैठक के दौरान जिलाध्यक्ष जाबिर अली, शहर अध्यक्ष सईद सिब्तैनी, बदायूं से खालिद रजा, राशिद अली, शाहजहांपुर से आकिब रजा व रिजवान रजा, पीलीभीत से मौलाना तारिक रजा मिस्बाही, मौलाना हाफिज असद, रामपुर से मौलाना अहमद हसन आसवी, संभल से इमरान रजा लतीफी व नूर अहमद, मुरादाबाद से मुफ्ती उमर रजा, प्रदेश उपाध्यक्ष हनीफ रजा अजहरी आदि मौजूद रहे।
दरगाह आला हजरत का सियासी इस्तेमाल गलत
आला हजरत खानदान से संबंध रखने वाले आरएसी के नायब सदर अदनान मियां ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि उन समेत खानदान के जो भी लोग अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों को समर्थन कर रहे हैं उनके अपने संगठन और अपना राजनीतिक विचार हैं। दरगाह आला हजरत से इसको जोड़कर देखना गलत होगा। दरगाह के सियासी इस्तेमाल के सवाल पर उन्होनें कहा कि दरगाह आला हजरत का सियासी इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। वैसे किसी दरगाह के किसी जिम्मेदार की तरफ से कोई राजनीतिक ऐलान नहीं किया गया है।
खानदान से निकले हैं तीन सियासी सुर
आरएसी के नायब सदर अदनान मियां ने बीते दिनों सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव से मुलाकात कर मुलाकात कर सपा को समर्थन देने का ऐलान किया था। अदानन मियां आला हजरत खानदान से संबंध रखते हैं। इसके अलावा खानदान के मौलाना तौकीर रजा जो कि इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं वह कांग्रेस के लिए चुनाव प्रचार में जुटे हैं। बीते दिनों उन्होनें कांग्रेस को समर्थन देने का ऐलान किया था। इसके अलावा सुब्हानी मियां के दामाद सैयद आसिफ मियां आल इंडिया मजलिसे इत्तेहादुल मुस्लेमीन से चुनाव लड़ रहे हैं। हालांकि खटीमा से नामांकन दाखिल कराने के बाद उन्हे टीटीएस और दरगाह आला हजरत से जुड़ी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया गया है।
