अगले तीन वर्षों में 10 हजार युवाओं को नौकरी देने का लक्ष्य : कुलपति
गोरखपुर। शिक्षा का अंतरराष्ट्रीय करण किया जाना बेहद आवश्यक है। इसके लिए गोरखपुर विश्वविद्यालय में एक अंतरराष्ट्रीय केंद्र बनाया जाना चाहिए। जो हमारे छात्र को सर्वश्रेष्ठ अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय में प्रवेश की जानकारी प्रदान करे। अंतरराष्ट्रीय छात्रों को हमारे विश्वविद्यालय और पाठ्यक्रमों के बारे में बताए। हमारी शिक्षा प्रणाली दुनिया के अन्य ख्यातिलब्ध संस्थानों के अनुरूप …
गोरखपुर। शिक्षा का अंतरराष्ट्रीय करण किया जाना बेहद आवश्यक है। इसके लिए गोरखपुर विश्वविद्यालय में एक अंतरराष्ट्रीय केंद्र बनाया जाना चाहिए। जो हमारे छात्र को सर्वश्रेष्ठ अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय में प्रवेश की जानकारी प्रदान करे। अंतरराष्ट्रीय छात्रों को हमारे विश्वविद्यालय और पाठ्यक्रमों के बारे में बताए। हमारी शिक्षा प्रणाली दुनिया के अन्य ख्यातिलब्ध संस्थानों के अनुरूप करना बेहद आवश्यक है।
अमेरिका, यूरोप और अन्य विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा ग्रहण करने जाने वाले आठ लाख विद्यार्थियों को रोकना एक बड़ी चुनौती है। हजारों करोड़ रूपये विदेशों में जा रहे हैं। बमुश्किल 48 हजार से कम छात्र ही भारतीय विश्वविद्यालयों में दाखिला ले रहे हैं। ये बातें कुलपति प्रो राजेश सिंह ने शुक्रवार को अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा मोनिका गर्ग के आयोजित प्रदेश भर के कुलपतियों की वीडियो कांफ्रेंसिंग में कही।
कुलपति ने कहा कि अगले तीन साल में 10 हजार विद्यार्थियों को नौकरी देने का लक्ष्य रखा है। इसके साथ ही अर्न बाय लर्न योजना के माध्यम से भी विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ साथ कमाई का भी अवसर प्रदान किया जा रहा है। कुलपति ने कहा कि शिक्षण और सीखने की प्रक्रिया जैसी अच्छी शिक्षा के वातावरण को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। बैठक के दौरान कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय और संबद्ध महाविद्यालयों में नई शिक्षा नीति के अंतर्गत अध्ययन-अध्यापन के माहौल को बेहतर बनाने का रोडमैप प्रस्तुत किया।
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