बरेली: गेंहू की सिंचाई करें किसान, दाने होंगे मजबूत
बरेली,अमृत विचार। बदले मौसम को देखते हुए कृषि वैज्ञानिकों ने गेहूं की फसल में पानी लगाना बेहद जरूरी बताया है। कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डा. रंजीत सिंह ने बताया कि जब हवा न चले तो किसान गेहूं की फसल में पानी लगाएं। पानी लगने से बालियां बढ़िया होंगी, दाने मजबूत होंगे और पैदावार बढ़ेगी। …
बरेली,अमृत विचार। बदले मौसम को देखते हुए कृषि वैज्ञानिकों ने गेहूं की फसल में पानी लगाना बेहद जरूरी बताया है। कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डा. रंजीत सिंह ने बताया कि जब हवा न चले तो किसान गेहूं की फसल में पानी लगाएं। पानी लगने से बालियां बढ़िया होंगी, दाने मजबूत होंगे और पैदावार बढ़ेगी।
पानी न लगने से दाने पतले हो जाते हैं, जिससे पैदावार प्रभावित होती है और किसानों का नुकसान होता है। इस समय खेत में खड़े गेहूं की बालियां निकल आई हैं। जिन खेतों की बुआई देर से हुई है, उनकी बालियां अभी नहीं निकल रही हैं। इन दिनों में किसान खेत में पानी नहीं चलाते हैं, जबकि इस समय पानी लगाना बहुत ही जरूरी है।
खाली खेतों में मूंग और उर्द की बुआई करें किसान
कृषि वैज्ञानिक डा. रंजीत सिंह ने किसानों को सुझाव दिया है कि जिन किसानों के सरसों और आलू के खेत खाली हो गए हैं, वे उनमें उर्द, मूंग और मक्के की बुआई कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि उर्दू की बुआई का समय 15 फरवरी से 15 मार्च तक है। उसके बाद बोने पर यदि जल्द बारिश हो गई तो फसल काे नुकसान होता है। इस नाते जिन्हें उर्द, मूंग बोना है, वे 15 मार्च तक बुआई कर दें।
चने में फली छेदक से करें बचाव
जिन किसानों ने चना बोए हैं, उनके खेत में यदि फली लग गई है तो उस पर दवा का छिड़काव करें। दवा का छिड़काव न करने पर कीड़े लग जाते हैं, जो फसल को नुकसान पहुंचाते हैं। इसके लिए 10 ग्राम प्रोकलेन का छिड़काव 15 लीटर पानी में करें। इससे फली छेदक का खतरा बेहद कम हो जाता है।
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