अयोध्या: सोहावल तहसील में निजी कर्मियों की मनमानी, खा रहे मलाई
अयोध्या। बसपा शासन काल में 25 वर्ष पूर्व बनाई गई सोहावल तहसील में निजी कर्मी मलाई खा रहे हैं। आलम यह है कि इतने वर्ष बीत जाने के बाद भी तहसील में स्थाई कर्मियों का आभाव है। निजी कर्मचारियों के सहारे राजस्व से संबंधित अति संवेदनशील कामकाज प्रशासन द्वारा खुलेआम कराया जा रहा है, जिससे …
अयोध्या। बसपा शासन काल में 25 वर्ष पूर्व बनाई गई सोहावल तहसील में निजी कर्मी मलाई खा रहे हैं। आलम यह है कि इतने वर्ष बीत जाने के बाद भी तहसील में स्थाई कर्मियों का आभाव है। निजी कर्मचारियों के सहारे राजस्व से संबंधित अति संवेदनशील कामकाज प्रशासन द्वारा खुलेआम कराया जा रहा है, जिससे न सिर्फ गोपनीयता भंग हो रही है बल्कि किसानों को न्यायालय से संबंधित काम कराने के लिए मोटी कीमत चुकानी पड़ रही है।
उपजिलाधिकारी, तहसीलदार व नायब तहसीलदार समेत तमाम अधिकारियों की नाक के नीचे चल रहे भ्रस्टाचार की शिकायत वादकारियो और अधिवक्ताओं ने शासन से लेकर सांसद से कई बार की, लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात वाला ही रहा। यहां व्याप्त भ्रष्टाचार का आलम यह है कि चार माह में महज चार दिन ही काम हुआ। किसानों को अति महत्वपूर्ण समस्याओं का निस्तारण करने के लिये वादकारियो से बैक डोर से कराने पर विवश होना पड़ता है।
बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष संकटा प्रसाद निषाद के अनुसार मसौधा के मुवाफिसखाना से धर्म राज बनाम मोहसिन रजा की फ़ाइल 2020 से गायब है। वादकारी दफ्तरों के चक्कर काट-काट कर परेशान होकर घर में बैठ गया। 151 के चालानो के मुलजिमो का शोषण करने की भी बात आये दिन यहां सुनाई पड़ती है।
पढ़ें-रायबरेली: शपथ लेने के दूसरे दिन जिले में पहुंचे दिनेश प्रताप सिंह, हुआ भव्य स्वागत
