नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी के संरक्षक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है। दरअसल आय से अधिक संपत्ति मामले में घिरे मुलायम सिंह यादव की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ सकती हैं। बता दें इस मामले में दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट में सीबीआई शपथपत्र …
नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी के संरक्षक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है। दरअसल आय से अधिक संपत्ति मामले में घिरे मुलायम सिंह यादव की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ सकती हैं। बता दें इस मामले में दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट में सीबीआई शपथपत्र दाखिल कर कोर्ट को स्वत: दर्ज की गई एफआईआर पर अपना रुख साफ करेगी।
दरअसल, आय से अधिक संपत्ति के मामलों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव पर चल रहे मामले पर एक याचिकाकर्ता विश्वनाथ चतुर्वेदी ने दिल्ली की राऊज एवेन्य कोर्ट में याचिका लगाई है। याचिका में कहा गया है कि फर्जी हलफनामे के मामले में सीबीआई ने कोई क्लोजर रिपोर्ट दाखिल नहीं की है।
बता दें कि आय से अधिक संपत्ति से जुड़े एक मामले में मुलायम सिंह यादव ने सीबीआई की रिपोर्ट के खिलाफ राउज एवेन्यू कोर्ट में प्रोटेस्ट पिटीशन दाखिल की गई थी। जिसके बाद पिछली सुनवाई में महानगर दंडाधिकारी अंबिका सिंह की अदालत ने याचिका स्वीकार करते हुए सीबीआई से अपना पक्ष दाखिल करने का निर्देश दिया था। एडवोकेट विश्वनाथ चतुर्वेदी ने साल 2012 में सीबीआई द्वारा दाखिल की गई जांच रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए इस मामले को एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई की मांग की थी।
वहीं जिला जज सुधीर कुमार जैन की अदालत ने याचिका ठुकराते हुए कहा था कि अगर संबंधित अदालत को लगता है कि यह मामला किसी एमपी या एमएलए से जुड़ा है तो वह उसे स्थानांतरित कर सकता है। इसके बाद ही महानगर दंडाधिकारी अंबिका सिंह की अदालत में इस संबंध में प्रोटेस्ट पिटीशन दाखिल की गई थी। वहीं मामले में सुनवाई करते हुए दंडाधिकारी ने सीबीआई को निर्देशित किया कि जांच रिपोर्ट के समय क्या संभावित आरोपित मुलायम सिंह यादव एमपी या एमएलए थे।
बता दें सीबीआई रिपोर्ट के बाद ही कोर्ट इस मामले को एमपी एमएलए कोर्ट को स्थानांतरित करने का फैसला लेगी। वहीं याचिकाकर्ता ने मामले में वर्ष 2012 को दाखिल की गई सीबीआई रिपोर्ट पर संज्ञान लेने का भी अनुरोध किया है। सभी पक्षों को सुनने और रिपोर्ट के बाद राउज एवेन्यू कोर्ट ने अपने फैसले में इस याचिका को ही खारिज कर दिया है।
इसे भी पढ़ें-
दिल्ली में मास्क लगाने पर लोगों को मिली राहत, नहीं देना होगा जुर्माना