अयोध्या: रामलला के दर्शन के लिए अब हनुमानगढ़ी के पिछले द्वार से जाएंगे श्रद्धालु, जानें वजह

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अयोध्या। रामनवमी मेले में बढ़ती श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने अब रामलला के दर्शन और निकासी मार्ग में आंशिक परिवर्तन किया है। अब हनुमानगढ़ी के पिछले द्वार से सुग्रीव किला होते हुए राम गुलेला और रंगमहल बैरियर (दर्शन मार्ग) से श्रद्धालु रामलला के दर्शन को जाएंगे। रामलला के दर्शन का निकास …

अयोध्या। रामनवमी मेले में बढ़ती श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने अब रामलला के दर्शन और निकासी मार्ग में आंशिक परिवर्तन किया है। अब हनुमानगढ़ी के पिछले द्वार से सुग्रीव किला होते हुए राम गुलेला और रंगमहल बैरियर (दर्शन मार्ग) से श्रद्धालु रामलला के दर्शन को जाएंगे। रामलला के दर्शन का निकास मार्ग अब नवनिर्मित सुग्रीव किला मार्ग पर मिला दिया गया है।

श्रद्धालुओं के दबाव को कम करने के लिए निकास द्वार में यह परिवर्तन किया गया है। रामगुलेला के बजाय पुलिस लाइन के बगल से ही श्रद्धालु सीधे सुग्रीव किला मार्ग पर निकलेंगे। गौरतलब है कि मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को देखते हुए ही श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र टस्ट ने रामलला के दर्शन अवधि को भी बढ़ाया था। दोनों पालियों में डेढ़-डेढ़ घंटे की बढ़ोतरी की गई थी।

रामलला को भेंट की 5 फीट ऊंची व 6 इंच मोटी अगरबत्ती

मंदिर निर्माण के बाद ही रामलला के भक्त उन्हें अनमोल तोहफे बढ़-चढ़कर भेंट कर रहे हैं। शुक्रवार को सोमनाथ से आए एक भक्त ने उन्हें पांच फीट ऊंची व छह इंट मोटी अगरबत्ती भेंट की है, जो तीन से चार दिन तक अनवरत जलती रहेगी। सोमनाथ से आए रामभक्त विपुल भाई ने श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट कार्यालय पहुंचकर लगभग 5 फीट ऊंची अगरबत्ती भेंट की।

सोमनाथ के अगरबत्ती व्यवसायी रामभक्त विपुल भाई ने कहा कि रामलला हमारे आराध्य हैं। उन्हीं की कृपा से पहली बार अयोध्या आया हूं। उन्होंने बताया कि इस अगरबत्ती को बनाने में 2 महीने का समय लगा है। यह तीन से चार दिन तक लगातार जल सकती है।

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