मुरादाबाद : अब नगर निगम चुनाव की बिछने लगी बिसात
मुरादाबाद,अमृत विचार। नगर निगम चुनाव में अभी विलंब है। लेकिन, राजनीतिक घरानों में इसकी सुगबुगाहट शुरू हो गई है। महापौर का पद सामान्य रहेगा या आरक्षित इसको लेकर तरह-तरह की कयासबाजी हो रही है। महापौर पद के संभावित दावेदार दबे पांव जनसंपर्क और सार्वजनिक कार्यक्रमों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने लगे हैं। कई महिला दावेदारों …
मुरादाबाद,अमृत विचार। नगर निगम चुनाव में अभी विलंब है। लेकिन, राजनीतिक घरानों में इसकी सुगबुगाहट शुरू हो गई है। महापौर का पद सामान्य रहेगा या आरक्षित इसको लेकर तरह-तरह की कयासबाजी हो रही है। महापौर पद के संभावित दावेदार दबे पांव जनसंपर्क और सार्वजनिक कार्यक्रमों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने लगे हैं। कई महिला दावेदारों के नाम पर हवा दिया जा रहा है।
विभिन्न आयोजनों में दावेदारों की चहलकदमी को निगम चुनाव का पूर्वाभ्यास माना जा रहा है। साल के आखिरी दिनों यानी दिसंबर महीने में मौजूदा बोर्ड का कार्यकाल पूरा होगा। महापौर पद यहां कभी आरक्षित नहीं हुआ है, इसलिए राजनीतिक गलियारे में तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।
उधर, नगर निगम बोर्ड बनने के बाद लगातार महापौर पद पर अग्रवाल परिवार कहां कब्जा है। जबकि भाजपा में भी कई दावेदारों के नाम चर्चा में हैं। अनुसूचित, पिछड़ा और महिला दावेदारों के नाम चौपाल पर बहस छेड़ी जा रही है। जबकि सपा, बसपा, कांग्रेस में फिलहाल खामोशी है। यानी कि सभी समय की ओर टकटकी लगाए हैं। महापौर पद के आरक्षण के कयासों के बीच भाजपा राजनीतिक गोलबंदी देखी जाएगी।
सहानुभूति के बाद विनोद ने खिलाया कमल
विनोद अग्रवाल को लगभग 94,000 वोट मिले, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार हाजी रिजवान कुरैशी के पक्ष में 73,029 लोगों ने मतदान किया। 14 राउंड तक चौथे स्थान पर रहने वाले रिजवान ने आखिरी नौ राउंड में करीब 50,000 वोट हासिल करके राजनैतिक लोगों को हैरान कर दिया था। उधर, सपा प्रत्याशी हाजी यूसुफ अंसारी को तीसरे स्थान से संतोष करना पड़ा था। बसपा ने ऐन वक्त पर लाखन सिंह सैनी को मैदान में उतरा, वह चौथे स्थान पर रहे। अब सैनी समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए हैं। साल 2017 के चुनाव में यहां 1634 मतदाताओं ने नोटा का प्रयोग भी किया था। भाजपा प्रत्याशी विनोद अग्रवाल ने साल 2016 के उप चुनाव के बाद जीत दर्ज करके पार्टी हल्के में अपनी ताकत का डंका बजा दिया था। दो बार महापौर चुनी गईं बीना अग्रवाल दूसरा कार्यकाल पूरा नहीं कर पाईं। बीना के निधन के बाद उप चुनाव में उनके पति विनोद अग्रवाल 35,00 हजार मतों के अंतर से चुनाव जीते थे। तब सपा के उम्मीदवार तत्कालीन महानगर अध्यक्ष राजकुमार प्रजापति मैदान में आए थे।
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