बरेली: रागी जत्थों ने गुरबाणी कीर्तन कर संगत को किया निहाल

Amrit Vichar Network
Published By Amrit Vichar
On

बरेली, अमृत विचार। श्री गुरु तेग बहादुर के 401वें पावन प्रकाश पर्व के अवसर पर मनिहारान गली स्थित गुरुद्वारे में महान कीर्तन दरबार का आयोजन किया गया। कीर्तन दरबार में दूरदराज क्षेत्रों से रागी जत्थों ने गुरबाणी कीर्तन कर संगत को निहाल किया। पटियाला से आए पंथ रागी भाई जगतेश्वर सिंघ ने तेग बहादुर सिमरिये …

बरेली, अमृत विचार। श्री गुरु तेग बहादुर के 401वें पावन प्रकाश पर्व के अवसर पर मनिहारान गली स्थित गुरुद्वारे में महान कीर्तन दरबार का आयोजन किया गया। कीर्तन दरबार में दूरदराज क्षेत्रों से रागी जत्थों ने गुरबाणी कीर्तन कर संगत को निहाल किया। पटियाला से आए पंथ रागी भाई जगतेश्वर सिंघ ने तेग बहादुर सिमरिये घरु नौ निध आवे धाये सब थाईं होए सहाय…की प्रस्तुति देकर भक्तिमय माहौल बना दिया।

नानकमत्ता स्थित गुरुद्वारे के हेड ग्रंथी लखविंदर सिंघ ने श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी के जीवन पर प्रकाश डाला। बताया कि श्री गुरु ने 59 शबद तथा 57 श्लोक उच्चारण किये हैं जो कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब में दर्ज हैं। कार्यक्रम की शुरुआत सोदर रहिरास साहिब के पाठ से ग्रंथी साहिब राजदीप सिंघ ने की। हजूरी रागी भाई हरमनजीत सिंघ ने आरती के बाद शबद तिलक जंजू राखा प्रभु ताका कीनों बढो कलू में साका गायन किया।

महासचिव अमरजीत सिंघ ने बताया कि मुख्य दीवान 21 अप्रैल को संजय नगर स्थित श्री दुख निवारण गुरुद्वारे में सुबह 7 बजे से दोपहर 3 बजे तक सजेगा। अरदास हुक्मनामा के बाद श्री गुरु ग्रंथ साहिब को सुखासन पर बिराजमान कर संगत ने गुरु का लंगर ग्रहण किया। कार्यक्रम का संचालन मालिक सिंघ कालड़ा ने किया।

इस अवसर पर सुखवंत सिंघ, गुरमीत सिंघ, राजेन्द्र सिंह, आर पी सिंघ, कालड़ा, विक्की बग्गा, हरजीत सिंघ, उपकार सिंघ, एम पी सिंघ, एपी सिंघ, परमिंदर सिंघ बेदी, अमरजीत सिंह, परमजीत सिंघ, मनजीत सिंघ छाबड़ा आदि उपस्थित रहे।

ये भी पढ़ें-

बरेली: अप्रैल में जून का एहसास, लू के थपेड़े कर रहे बेहाल

संबंधित समाचार