बरेली: धात्री महिलाओं को स्तनपान कराने के बताए जाएंगे महत्व
बरेली, अमृत विचार। शासन की ओर से पानी नहीं केवल स्तनपान अभियान की शुरुआत 10 मई से हो गई है, यह 30 जून तक चलेगा। इसमें धात्री महिलाओं को स्तनपान कराने के महत्व के बारे में विस्तार से बताया गया। जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) दीनानाथ द्विवेदी ने बताया कि जनपद में पानी नहीं, केवल स्तनपान …
बरेली, अमृत विचार। शासन की ओर से पानी नहीं केवल स्तनपान अभियान की शुरुआत 10 मई से हो गई है, यह 30 जून तक चलेगा। इसमें धात्री महिलाओं को स्तनपान कराने के महत्व के बारे में विस्तार से बताया गया।
जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) दीनानाथ द्विवेदी ने बताया कि जनपद में पानी नहीं, केवल स्तनपान अभियान शुरू हो चुका है। मां का दूध अमृत के समान होता है।
शिशु एवं बाल मृत्यु दर में कमी लाने के लिए जरूरी है कि जन्म के एक घंटे के अंदर शिशु काे स्तनपान कराया जाए। छह माह की आयु तक शिशु को केवल स्तनपान ही कराना चाहिए। यह शिशु के लिए बहुत जरूरी हैं। डीपीओ ने कहा कि परिवार के लोग शिशु को घुट्टी, शहद, चीनी का घोल, पानी आदि पिलाते हैं, इससे शिशुओं में कई प्रकार के संक्रमण हो जाते हैं, जो उसके जीवन के लिए घातक सिद्ध होते हैं। शिशु के प्यासा होने पर उसे पानी देने का प्रचलन गर्मियों में बढ़ जाता है। मां के दूध में अन्य पौष्टिक तत्वों के साथ-साथ पानी भी पर्याप्त मात्रा में होता है। शिशु की पानी की आवश्यकता केवल स्तनपान से ही पूरी हो जाती है।
अतः शिशु को छह माह तक ऊपर से पानी देने की आवश्यकता नहीं होती है। ऊपर से पानी देने से शिशुओं में संक्रमण होने की आशंका बढ़ जाती है। गर्मी में शिशुओं में केवल स्तनपान संबंधी व्यवहार सुनिश्चित करने के लिए 10 मई से 30 जून तक सभी कनवर्जेंस विभागों, जनप्रतिनिधियों तथा डेवलपमेंट पार्टनर्स के सहयोग से पानी नहीं, केवल स्तनपान अभियान चलाया जा रहा है। इससे स्तनपान की दर में वृद्धि होने के अपेक्षित परिणाम प्राप्त होने के साथ ही शिशु मृत्यु दर में भी कमी आएगी
इन विभागों को यह जिम्मेदारी
अभियान के तहत बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग विभिन्न बैठकों में अभियान की कार्य योजना बनाएगा, रैली निकाली जाएगी। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता रैली, दीवार लेखन और परामर्श देंगी। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग संस्थागत प्रसव के प्रत्येक मामले में शिशु जन्म के बाद लाभार्थी परिवार को केवल स्तनपान पर अनिवार्य परामर्श देगा। आशा कार्यकर्ता दीवार लेखन आदि के माध्यम से अधिक से अधिक लाभार्थी परिवारों तक परामर्श देने का प्रयास करेंगी।
ग्राम विकास विभाग, स्वयं सहायता समूह की मासिक बैठकों में अभियान के संदेशों को प्रचारित करेगा। पंचायती राज विभाग लक्षित लाभार्थियों के यहां गृह भ्रमण कराकर अभियान के संदेशों का प्रचार-प्रसार कराएगा। बेसिक एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग सरकारी एवं अनुदानित विद्यालयों में अध्यापकों द्वारा अभियान के संदेशों को विद्यार्थियों के माध्यम से प्रचारित कराएगा। खाद्य एवं रसद विभाग कोटेदारों के सहयोग से अभियान के संदेशों का प्रचार-प्रसार तथा लक्षित लाभार्थियों को परामर्श देगा।
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