बरेली: स्मार्ट सिटी में खंडहर स्कूल को बना दिया माॅडर्न

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अमृत विचार, बरेली। खंडहर बन चुके स्कूल के ब्लॉक को माॅर्डन बनाना आसान नहीं था, लेकिन स्मार्ट सिटी परियोजना ने इस कार्य को संभव करके ऐतिहासिक स्कूल की इमारत के साथ -साथ यहां पढ़ने वाले बच्चों के भविष्य को भी संवार दिया है। अब यहां स्मार्ट क्लास स्कूलों में शिक्षण कार्य में सुधार के साथ …

अमृत विचार, बरेली। खंडहर बन चुके स्कूल के ब्लॉक को माॅर्डन बनाना आसान नहीं था, लेकिन स्मार्ट सिटी परियोजना ने इस कार्य को संभव करके ऐतिहासिक स्कूल की इमारत के साथ -साथ यहां पढ़ने वाले बच्चों के भविष्य को भी संवार दिया है। अब यहां स्मार्ट क्लास स्कूलों में शिक्षण कार्य में सुधार के साथ -साथ बच्चों में भी सीखने के माहौल को बेहतर बना रहे हैं। स्मार्ट सिटी में पांच स्कूलों की इमारतों और कक्षाओं को माॅर्डन बनाने के साथ -साथ कक्षाओं को भी स्मार्ट बनाया है। सबसे बेहतरीन इमारत के रूप में जीआईसी उभरकर सामने आई है।

राजकीय इंटर कॉलेज यानि जीआईसी की बात करें तो यहां के कई ब्लॉक खंडहर हो रहे थे। सुरक्षा की दृष्टि से उनमें कोई कक्षाएं नहीं लगती थी। फर्नीचर के नाम पर दीमक लगे और बेकार हो चुकीं मेज कुर्सियां ही बची थी। स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत पुराने स्कूलों का कायाकल्प कराया गया। इसके तहत जीआईसी के खंडहर हो चुके ब्लाक को व्यवस्थित किया गया। उसकी मरम्मत कराई गई और उसके हिस्से को बचाकर उसे जीवनदान दिया गया।

परिसर के अंदर और बाहर का सौदर्यीकरण किया गया। पौधे लगाकर उनमें हरियाली को बढ़ाया गया। आजाद इंटर कॉलेज, तिलक इंटर कॉलेज, किशोर बाजार और जीजीआईसी को भी स्मार्ट बनाया गया है। इन स्कूलों में बच्चों की कक्षाओं को भी आधुनिक शिक्षा के लायक बनाने के लिए प्रोजेक्टर लगाए गए। जीआईसी और जीजीआईसी में 48 प्रोजेक्टर लगाए गए हैं।

कक्षाओं में है बेहतरीन फर्नीचर
स्मार्ट सिटी परियोजना में शामिल किए गए सभी पांच स्कूलों में 114 प्रोजेक्टर लगाए गए । अब यहां स्मार्ट क्लासेज चल रही हैं। स्मार्ट सिटी में चयनित विद्यालयों की कक्षाओं में बच्चों के लिए मॉडर्न फनीर्चर, शिक्षक के लिए भी मॉडर्न मेज है। अब इन स्कूलों की कक्षाएं देखकर नहीं लगता है कि यह वही सरकारी स्कूल जिसमें टूटी मेज कुर्सी से निकली कील पर बैठकर बच्चों के कपड़े फट जाते थे। कक्षाओं में ट्यूबलाइट और पर्याप्त संख्या में पंखे भी लगाए गए हैं। बिजली की फिटिंग भी दीवार के अंदर की गई है। कक्षाओं के बाहर इंटरलाकिंग टाइल्स लगाई गई है। स्कूल को स्मार्ट बनाने में हरियाली और पर्यावरण का भी पूरा ख्याल रखा गया है।

अभिषेक आनंद, सीईओ स्मार्ट सिटी परियोजना-
स्मार्ट सिटी में पांच स्कूलों को पुनरोद्धार कर उन्हें मॉडर्न बनाया गया है। पांच स्कूलों में 114 प्रोजेक्टर लगाए हैं। जीआईसी और जीजीआईसी में ही सात करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। सुन्दर भवन, हरियाली, बेहतर माहौल में स्कूल आने वाले बच्चे खुद को गौरन्वान्वित महसूस कर रहे हैं।

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