आयकर के तीन कर्मचारियों ने फर्जी टीडीएस रिफंड के जरिए करोड़ों रुपये का किया फर्जीवाड़ा

आयकर के तीन कर्मचारियों ने फर्जी टीडीएस रिफंड के जरिए करोड़ों रुपये का किया फर्जीवाड़ा

नई दिल्ली। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने आयकर विभाग के तीन अधिकारियों के खिलाफ जांच शुरू की है, जिन्होंने कई लोगों का ‘टीडीएस’ लौटाने के लिए कंप्यूटर प्रणाली तक पहुंच के वरिष्ठ अधिकारियों के अधिकारों का दुरूपयोग कर कथित तौर पर फर्जी तरीके से ‘रिफंड’ हासिल किये थे। जांच एजेंसी ने संयुक्त आयुक्त आयकर, मुजफ्फरनगर …

नई दिल्ली। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने आयकर विभाग के तीन अधिकारियों के खिलाफ जांच शुरू की है, जिन्होंने कई लोगों का ‘टीडीएस’ लौटाने के लिए कंप्यूटर प्रणाली तक पहुंच के वरिष्ठ अधिकारियों के अधिकारों का दुरूपयोग कर कथित तौर पर फर्जी तरीके से ‘रिफंड’ हासिल किये थे। जांच एजेंसी ने संयुक्त आयुक्त आयकर, मुजफ्फरनगर (उत्तर प्रदेश) की शिकायत के आधार पर आयकर विभाग के समूह ‘ग’ के तीन अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है, जो कथित तौर पर आकलन करने वाले अधिकारियों के आरएसए टोकन का कथित रूप से दुरुपयोग कर विभाग को धोखा देने और कर कटौती (टीडीएस) के फर्जी रिफंड उत्पन्न करने में कामयाब रहे।

आरएसए टोकन एक विशेष समाधान हैं जो प्रत्येक 60 सेकंड में उपयोगकर्ता के पासवर्ड को स्वचालित रूप से बदल देता है। उन्होंने बताया कि प्राथमिकी के बाद एजेंसी ने कई स्थानों पर तलाशी ली। सीबीआई ने रिफंड के नौ लाभार्थियों के साथ मामले के संबंध में तीन आयकर अधिकारियों – अभय कांत, सौरभ सिंह और रोहित कुमार को नामित किया है। कर विभाग ने आरोप लगाया कि अधिकारियों ने एक अगस्त, 2020 से 25 अगस्त, 2021 तक धोखाधड़ी कर 1.39 करोड़ रुपये से अधिक का रिफंड प्राप्त किया।

उन्होंने कहा कि यह घोटाला तब सामने आया जब एक कर निर्धारण अधिकारी को आयकर अधिनियम की धारा 154 के तहत उन करदाताओं के लिए रिफंड की गणना का पता चला, जो उसके दायरे से संबंधित नहीं थे। इसमें आरोप लगाया गया है कि प्राप्त की गई कुल रकम में से लगभग वापस 35 लाख रुपये आरोपी अधिकारियों ने सरकारी खातों में जमा कर दिए थे।

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