अमृत विचार अभियान : नियमों को ठेंगा दिखा रहे हाईवे से सटे स्कूल, एक-दूसरे के सिर ठीकरा फोड़ने में जुटे अधिकारी
मुरादाबाद,अमृत विचार। नियमों को धता बताते हुए नेशनल और स्टेट हाइवे किनारे दर्जन भर से ज्यादा स्कूल चल रहे हैं। इनके पास कहीं भी हाइवे पर सूचना का बोर्ड तक नहीं लगा है। छोटे-बडे़ वाहन फर्राटा भरते हुए इनके सामने से गुजरते हैं। ऐसे में नौनिहालों को हर समय हादसे का डर सताता रहता है। …
मुरादाबाद,अमृत विचार। नियमों को धता बताते हुए नेशनल और स्टेट हाइवे किनारे दर्जन भर से ज्यादा स्कूल चल रहे हैं। इनके पास कहीं भी हाइवे पर सूचना का बोर्ड तक नहीं लगा है। छोटे-बडे़ वाहन फर्राटा भरते हुए इनके सामने से गुजरते हैं। ऐसे में नौनिहालों को हर समय हादसे का डर सताता रहता है। बच्चों के घर पहुंचने तक अभिभावकों के माथे पर चिंता की लकीरें पड़ी रहती हैं।
महानगर में स्टेट और नेशनल हाइवे किनारे चल रहे स्कूलों में मानकों का मखौल उड़ाया जा रहा है। कई स्थानों पर गति सीमा कम करने के बोर्ड भी नहीं लगे हैं। हाइवे पर वाहनों की गति बहुत ज्यादा रहती है। इससे हमेशा खतरे की आशंका बनी रहती है। स्कूलों की ओर से इसके लिए कोई इंतजाम नहीं हैं। नियमानुसार स्कूलों की दूरी हाइवे से 40-70 मीटर होनी चाहिए। इसके बाद भी पांच मीटर और स्थान छोड़कर ही निर्माण किया जा सकता है। इतना ही नहीं निर्माण से पूर्व हाइवे अथारिटी की अनुमति लेनी होती है। मगर यहां ऐसा कुछ नहीं है।
नेशनल हाइवे के दोनों ओर 75-75 मीटर तक निर्माण की अनुमति नहीं
नेशनल हाइवे के दोनों ओर 75-75 मीटर तक किसी भी प्रकार के निर्माण की अनुमति नहीं है।जनसुविधाओं संबंधी निर्माण के लिए 40 मीटर, जबकि एक तरफ 30 मीटर की चौड़ाई में निर्माण की इजाजत भी सड़क परिवहन एवं राज्य मंत्रालय से लेनी होगी। इसके लिए मंत्रालय की स्वीकृति अनिवार्य कर दी गई है। इसके साथ ही नियम न मानने वालों पर जुर्माना लगाने के साथ निर्माण को ध्वस्त करने की भी कार्रवाई भी की जाएगी।
सुरक्षा का इंतजाम करना स्कूलों की अपनी जिम्मेदारी होती है। हमारा काम केवल मॉनीटरिंग करना है। स्कूल संचालक छुट्टी के समय बच्चों को सड़क पार कराने के लिए सुरक्षा गार्ड रखते हैं। स्कूल हाइवे से कितनी दूरी पर होना चाहिए इससे हमारा कोई लेना-देना नहीं है। यह काम हाइवे अथारिटी का है। इसके लिए अनुमति देने का अधिकार उन्हीं के पास होता है। -बुद्धप्रिय सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी।
ये भी पढ़ें : अमृत विचार अभियान : बच्चों के लिए बड़ा खतरा बने हाईवे किनारे चल रहे विद्यालय
