आजमगढ़ : एमडी के आदेश को मिल प्रबंधन ने किया नजरअंदाज, किसानों का खेती से हो रहा मोह भंग

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आजमगढ़, अमृत विचार। देश में गन्ना किसान कई बार आंदोलन और प्रदर्शन कर चुके हैं, तमाम समस्याओं के चलते किसानों का खेती से मोहभंग होता जा रहा है। कुछ ऐसा ही हाल है आजमगढ़ की सठियांव चीनी मिल परिक्षेत्र में गन्ने की खेती करने वाले किसानों का। पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष गन्ने का …

आजमगढ़, अमृत विचार। देश में गन्ना किसान कई बार आंदोलन और प्रदर्शन कर चुके हैं, तमाम समस्याओं के चलते किसानों का खेती से मोहभंग होता जा रहा है। कुछ ऐसा ही हाल है आजमगढ़ की सठियांव चीनी मिल परिक्षेत्र में गन्ने की खेती करने वाले किसानों का।

पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष गन्ने का रकबा घटकर 10 हजार हेक्टेयर हो गया है, जबकि इससे पहले 14 हजार हेक्टेयर था। गन्ना किसानों को इसकी खेती के लिए प्रोत्साहित करने के मकसद से चीनी मिल संघ के एमडी रमाकांत पांडेय ने अप्रैल माह में बेहतर प्रदर्शन करने वाले दो किसानों को दवा एवं तरल यूरिया के छिड़काव के लिए मशीन देने का निर्देश दिया था, लेकिन तीन माह बाद भी उसका अनुपालन नहीं हो सका।

एमडी रमाकांत पांडेय अप्रैल माह में मिल के साथ खेती का निरीक्षण करने के लिए पहुंचे थे। सठियांव ब्लाक के कई गांवों में जाकर किसानों के गन्ने की फसल का निरीक्षण किया था। निरीक्षण में बसौधा गांव के दो किसानों की फसल देखकर उन्हें प्रोत्साहित किया था। प्रोत्साहन में मशीन देने के लिए मुख्य गन्ना अधिकारी को आदेशित कर आख्या मांगा था। बसौधा गांव के अखिलेश मौर्या व हाजीपुर गांव के हरिश्चंद्र यादव को मशीन उपलब्ध कराना था, लेकिन दोनों किसान अभी तक मशीन मिलने का इंतजार कर रहे हैं। उनका कहना है कि चीनी मिल के अधिकारी शायद अपने अधिकारी का आदेश भूल गए हैं।

इस बारे में चीनी मिल के मुख्य गन्ना अधिकारी त्रिलोकी नाथ सिंह का कहना है कि अब तक किसानों को मशीन नहीं दी जा सकी है। आला अधिकारी के आदेश का पालन जल्द ही कर लिया जाएगा।

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