अमेरिका की निंजा टेक्निक: आतंकी जवाहिरी का R9X hellfire Ninja Missile से खात्मा, कांप उठेगी आत्मा !
काबुल। अमेरिकी ड्रोन हमले में आतंकवादी संगठन अल-कायदा प्रमुख अल-जवाहिरी के मारे जाने पर सऊदी अरब ने कहा है, हम इसका स्वागत करते हैं। सऊदी ने कहा कि आतंकवादी जवाहिरी ने अमेरिका, सऊदी अरब और अन्य देशों में नृशंस आतंकवादी घटनाओं को अंजाम दिया। बकौल सऊदी, आतंकी हमलों में अलग-अलग देशों और धर्मों के हज़ारों …
काबुल। अमेरिकी ड्रोन हमले में आतंकवादी संगठन अल-कायदा प्रमुख अल-जवाहिरी के मारे जाने पर सऊदी अरब ने कहा है, हम इसका स्वागत करते हैं। सऊदी ने कहा कि आतंकवादी जवाहिरी ने अमेरिका, सऊदी अरब और अन्य देशों में नृशंस आतंकवादी घटनाओं को अंजाम दिया। बकौल सऊदी, आतंकी हमलों में अलग-अलग देशों और धर्मों के हज़ारों निर्दोष लोग मारे गए।
1951 में मिस्र में जन्मा अल-कायदा प्रमुख अयमान अल-जवाहिरी एक सर्जन था और उसने 3 साल मिस्र की सेना में काम किया। उसके संगठन इजिप्शियन इस्लामिक जिहाद (ईआईजी) का अल-कायदा में विलय हुआ था। 1981 में मिस्र के तत्कालीन राष्ट्रपति अनवर सदात की हत्या के बाद अल-ज़वाहिरी समेत सैकड़ों लोग गिरफ्तार हुए थे और वह 3 साल जेल में रहा।
अफगानिस्तान में अल-कायदा प्रमुख अयमान अल-ज़वाहिरी के मारे जाने पर पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ट्वीट किया है, 9/11 हमले के…20-वर्ष से अधिक समय बाद…ओसामा बिन लादेन के उत्तराधिकारी…को आखिरकार सज़ा मिली। उन्होंने लिखा, यह सबूत है कि…अफगानिस्तान में बिना युद्ध आतंकवाद खत्म करना संभव है…उम्मीद है कि 9/11 के…पीड़ित परिवारों और अल-कायदा के….बाकी पीड़ितों को थोड़ी शांति मिलेगी।
अमेरिका ने काबुल में अलकायदा प्रमुख अयमान अल जवाहिरी को 2 मिसाइलें दाग कर मार गिराया है। हालांकि, उस जगह पर धमाके का कोई निशान नहीं दिख रहा है, न ही कोई और कैजुअल्टी हुई। इसके बाद से यह चर्चा है कि अमेरिका ने कौन सी मिसाइल दागी जिससे विस्फोट भी नहीं हुआ और जवाहिरी मारा भी गया।
इसका जवाब है R9X हेलफायर मिसाइल, जिसे निंजा भी कहते हैं। इस मिसाइल में विस्फोटक के बजाय 6 रेजर जैसे ब्लेड लगे होते हैं जो टारगेट के टुकड़े-टुकड़े कर देता है। इसी सीक्रेट किलर मिसाइल से जवाहिरी को भी मार गया है।
बाइडन प्रशासन के एक सीनियर अफसर ने बताया कि रविवार की सुबह करीब 6.18 बजे काबुल के शेरपुर में जवाहिरी बालकनी में टहल रहा था। उस वक्त 2 R9X हेलफायर मिसाइल आईं और जवाहिरी को मार गिराया। ये मिसाइल ड्रोन से दागी गईं थीं। इस हमले में न तो कोई विस्फोट हुआ, न कोई फैमिली मेंबर मारा गया और न आस-पास की इमारतों को कोई नुकसान हुआ।
दरअसल, R9X हेलफायर दुनिया की सबसे एडवांस्ड मिसाइलों में से एक है। ये पलक झपकते ही दुश्मन को ढेर कर देती है। इसकी सबसे बड़ी खासियत है कि इसमें विस्फोट नहीं होता, बल्कि 45 किलो वजनी मिसाइल में 6 धारदार ब्लेड्स लगे होते हैं। इससे बिना विस्फोट किए टारगेट को मारा जा सकता है। जवाहिरी को इसी मिसाइल से मारा गया। इस दौरान जवाहिरी के परिवार के अन्य सदस्यों को मामूली चोटें ही आई हैं।
2019 में पहली बार वॉल स्ट्रीट जर्नल ने R9X मिसाइल से हमले की रिपोर्ट की थी। इसमें बताया गया था कि मिसाइल का इस्तेमाल अफगानिस्तान, लीबिया, इराक, यमन और सोमालिया में बड़े आतंकियों को मारने के लिए किया गया। R9X को फ्लाइंग गिंसु भी कहा जाता है। यह एक जापानी चाकू होता है जिसे 1980 के दशक में टीवी विज्ञापनों में देखा जाता था। विज्ञापन में दिखाया जाता था कि चाकू टिन की बनी कैन आदि को कतर देता था और तब भी बेहद नुकीला और तेज बना रहता था।
रिपोर्ट में बताया गया है कि R9X मिसाइल अपने टारगेट पर पूरी सटीकता के साथ हमले करता है। जैसे कि किसी कार में यदि किसी टारगेट को निशाना बनाया जाता है तो मिसाइल सिर्फ टारगेट को मारेगी और कार के ड्राइवर को कोई चोट भी नहीं आएगी। मिसाइल के ब्लेड इतने पैने होते हैं कि ये बिल्डिंगों और कार की छतों को काट सकते हैं। R9X हेलफायर मिसाइल टारगेटेड किलिंग के लिए मशहूर है। इससे आसपास बहुत कम कैजुअल्टी होती है, यानी आम नागिरकों की जान जाने का खतरा नहीं होता है।
2011 में जब बराक ओबामा राष्ट्रपति थे तब इस मिसाइल को बनाया गया था। ओबामा ने मिडिल ईस्ट में ड्रोन हमलों में कैजुअल्टी को कम करने के लिए इस मिसाइल को बनाने का आदेश दिया था। विस्फोटक नहीं होने के कारण इसे निंजा मिसाइल भी कहा जाता है। R9X मिसाइल को CIA और अमेरिकी रक्षा विभाग के लिए लॉकहीड मार्टिन और नॉर्थ्राप गुम्मन ने मिलकर बनाया है। अब तक एक दर्जन से ज्यादा मामलों में टारगेटेड किलिंग के लिए इसका यूज किया जा चुका है।
आज जिस खतरनाक टारगेटेड मिसाइल निंजा यानी R9X के जरिए अमेरिका ने आतंकी अयमान अल-जवाहिरी को मार गिराया है, उस तरह के हथियार के इस्तेमाल की शुरुआत अमेरिका में 72 साल पहले ही हो गई थी। 1950 के दशक में कोरिया और वियतनाम जंग के दौरान अमेरिकी सेना के जवानों ने इसी तरह के टारगेटेड किलिंग हथियार ‘लेजी डॉग’ बनाया था। ऐसा इसलिए, ताकि बिना बड़ा विस्फोट किए सिर्फ टारगेट को मारा जा सके। जंग के दौरान अमेरिका लेजी डॉग बम का इस्तेमाल एयरफोर्स की मदद से करता था। हालांकि, करीब 10 साल बाद ही अमेरिका ने 1960 में इस तरह के बम को बनाना बंद कर दिया था।
चीर देती है खोपड़ी भी
हेलफायर आर9एक्स पहली बार 2017 में तैनात की गई थी। उस समय अमेरिका ने इस मिसाइल से ही अल-कायदा के आतंकी अबू अल-खैर अल-मसरी को ढेर किया था। ये मिसाइल इतनी तेज है कि बिल्डिंग्स, कार की छत और यहां तक कि किसी इंसान की खोपड़ी भी सेकेंड्स में चीर देती है। जवाहिरी को काबुल के शिरपुर में ढेर किया गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस पूरे ऑपरेशन की जानकारी दी और कहा कि शनिवार को सीआईए ने खास ऑपरेशन चलाया और रविवार तक उसके ढेर होने की खबर आ गई।
पहली बार प्रयोग
इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि अमेरिका के पास ऐसी कितनी मिसाइलें हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक साल 2019 और 2020 में दो बार सीक्रेट मिलिट्री ज्वॉइन्ट स्पेशल ऑपरेशंस कमांड ने इस मिसाइल के तहत इसके प्रयोग की मंजूरी दी गई थी। साल 2019 में वॉल स्ट्रीट जनरल ने पहली बार R9X मिसाइलों के बारे में जानकारी दी थी। इस मिसाइल को उस समय अफगानिस्तान, यमन, इराक, लीबिया और सोमालिया में हुए हमलों में प्रयोग किया था। अखबार ने तब इसके लिए एक मशहूर स्टेक चाकू का जिक्र करते हुए ‘Flying Ginsu’ का प्रयोग किया था। लेकिन इस मिसाइल को दर्जनों बार कई मौकों पर किसी खास टारगेट को ढेर करने के लिए प्रयोग किया जा चुका है।
सीरिया में हुआ प्रयोग
जवाहिरी की उम्र 71 साल थी। बाइडेन प्रशासन के दो अधिकारियों की तरफ से भी इस बात की पुष्टि की गई कि 1 अगस्त को दो हेलफायर R9X मिसाइलें जवाहिरी पर उस समय फायर की गईं जब वो अपने घर की बालकनी में आया। इस मिसाइल के सिर पर 45 किलोग्राम के वजन का लोहा लगा होता है। इसके बाद 6 एक्सटेंडेड ब्लेड्स को इस तरह से फिट किया गया है कि टारगेट पल भर में ढेर हो जाए। जून 2022 में सीरिया में आतंकी अबु हमजा अल यमनी को इस मिसाइल से ढेर किया गया था। अमेरिकी मिलिट्री अब इस मिसाइल को किसी भी स्ट्राइक के लिए पसंद करने लगी है।
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