छावनी के वार्डों का नगर निगम में विलय की संभावना बरकरार : लखन ओमर
कानपुर। छावनी बोर्ड का कार्यकाल बढ़ाए जाने पर जारी रक्षा मंत्रालय की अधिसूचना पर छावनी बोर्ड (कानपुर) के उपाध्यक्ष लखन ओमर कहते हैं कि अभी सिविल एरिया का नगर निगम में विलय की संभावना खत्म नहीं हुई है, इस पर भारत सरकार राज्यों से तालमेल बनाकर काम कर रही है। इसी के साथ छावनी अधिनियम …
कानपुर। छावनी बोर्ड का कार्यकाल बढ़ाए जाने पर जारी रक्षा मंत्रालय की अधिसूचना पर छावनी बोर्ड (कानपुर) के उपाध्यक्ष लखन ओमर कहते हैं कि अभी सिविल एरिया का नगर निगम में विलय की संभावना खत्म नहीं हुई है, इस पर भारत सरकार राज्यों से तालमेल बनाकर काम कर रही है। इसी के साथ छावनी अधिनियम में संशोधन पर भी काम चल रहा है।
ओमर ने अमृत विचार से बातचीत में बताया कि हालांकि वह निजीतौर पर छावनी बोर्डों के सिविल एरिया का नगर निगम क्षेत्र में विलय के पक्ष में नहीं हैं पर यह उनकी पार्टी की सरकार की व्यापक सोच है तो इसके तमाम फायदे हैं। छोटे निकायों की तरह छावनी बोर्ड का सिविल एरिया भी एक छोटा निकाय है जो सैन्य क्षेत्र में आता है। छोटे निकायों में विकास प्रभावी ढंग से हो सकता है। हर छोटी बड़ी समस्या का निस्तारण भी शीघ्र संभव है। कानपुर के छावनी क्षेत्र में कुल आठ वार्ड हैं।
हालांकि लखन यह भी कहते हैं कि छावनी के बोर्डों के नगर निगम क्षेत्र में आने के बाद लोग होम लोन आसानी से ले सकेंगे। दुकानों और मकानों की रिपेयरिंग के लिए अनुमति लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। नेटवर्क समस्या दूर करने के लिए मोबाइल टावर आसानी से लग सकेंगे। मकानों की खरीद बिक्री और नामांतरण में आने वाली समस्याएं दूर हो जाएंगी।
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