बहराइच: गंगा संरक्षण समिति की बैठक में वन्यजीव प्रेमियों ने उठाई आवाज
बहराइच। कलेक्ट्रेट सभागार में देर शाम को गंगा संरक्षण समिति के सदस्यों और जिला प्रशासन की बैठक हुई। बैठक में जलीय जीव के लिए समस्या उत्पन्न कर रहे गाद और सिल्ट को साफ कराए जाने की मांग की। कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी डॉक्टर दिनेश चंद्र की अध्यक्षता में गंगा संरक्षण समिति की बैठक आयोजित हुई। …
बहराइच। कलेक्ट्रेट सभागार में देर शाम को गंगा संरक्षण समिति के सदस्यों और जिला प्रशासन की बैठक हुई। बैठक में जलीय जीव के लिए समस्या उत्पन्न कर रहे गाद और सिल्ट को साफ कराए जाने की मांग की।
कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी डॉक्टर दिनेश चंद्र की अध्यक्षता में गंगा संरक्षण समिति की बैठक आयोजित हुई। बैठक में विभिन्न वन्य जीव प्रेमियों के साथ संगठन के प्रमुख शामिल हुए। डीएम ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि गंगा के साथ जलीय जीवों का संरक्षण हम सभी की जिम्मेदारी है। ऐसे नदी कैसे साफ रहे, इस पर सभी लोग सुझाव दे सकते हैं।
डीएम ने कहा कि जलीय जीव भी हमारे पर्यावरण को स्वच्छ बनाने में सहयोग करते हैं। ऐसे में इनका रहना हमारे लिए उपयोगी है। बैठक में कतर्नियाघाट फ्रेंड्स क्लब के अध्यक्ष भगवान दास लखमानी ने कहा कि जंगल के बीच से गुजरने वाली गेरुआ नदी में मगरमच्छ, घड़ियाल, डॉल्फिन और कछुआ पाए जाते हैं। लेकिन नदी में गाद, मिट्टी और पत्थर जमा हो गए हैं। इससे नदी की गहराई कम हो रही है। साथ ही प्रतिवर्ष अप्रैल और मई माह में नदी पूरी तरह से सूख जाती है।
जिससे जलीय जीवों के जीवन पर संकट उत्पन्न हो सकती है। ऐसे में नदी से सिल्ट की सफाई कराई जाए। गंगा संरक्षण समिति की बैठक में अन्य लोगों ने भी अपनी बात रखी। अंत में फ्रेंड्स क्लब के अध्यक्ष ने ज्ञापन एसडीएम महेश कुमार कैथल को दिया। इस दौरान वन और जिला प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहे।
अस्तित्व बचाने के लिए भागते हैं जीव
बैठक के दौरान कतर्नियाघाट फ्रेंड्स क्लब के अध्यक्ष भगवान दास लखमानी ने कहा कि बरसात में प्रतिवर्ष नेपाल से पानी छोड़ा जाता है। यह पानी वन्य जीवों को आगोश में ले लेता है। ऐसे में नदी गर्मी में सूख जाती है। ऐसे में गेरुआ नदी में रहने वाले दुर्लभ जलीय जीवों को अस्तित्व बचाने के लिए गांव के पोखरों की ओर रुख करना पड़ता है।
