दस लाख रोजगार सृजन का वादा पूरा करेंगे- तेजस्वी यादव

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पटना। बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने बृहस्पतिवार को कहा कि नवगठित महागठबंधन सरकार राज्य के युवाओं को 10 लाख नौकरियां देने का राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का चुनावी वादा पूरा करेगी। राजद ने 2020 के विधानसभा चुनाव के दौरान 10 लाख नौकरियां देने का राज्य की जनता से वादा किया था। यादव ने …

पटना। बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने बृहस्पतिवार को कहा कि नवगठित महागठबंधन सरकार राज्य के युवाओं को 10 लाख नौकरियां देने का राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का चुनावी वादा पूरा करेगी। राजद ने 2020 के विधानसभा चुनाव के दौरान 10 लाख नौकरियां देने का राज्य की जनता से वादा किया था। यादव ने दावा किया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संबंधित अधिकारियों को रोजगार सृजन को ‘‘सर्वोच्च प्राथमिकता’’ देने के निर्देश जारी किए हैं।

कुमार और यादव ने कल ही शपथ ली थी। उन्होंने कहा, ‘‘सरकारी विभाग में बहुत सारे पद खाली हैं। हम इन्हें भरेंगे।’’ फिलहाल हम विधानसभा में बहुमत साबित करने के बाद पूरी तरह से सक्रिय होने का इंतजार कर रहे हैं।’’ तेजस्वी ने कहा, ‘‘यह सिर्फ एक वादा नहीं था, बल्कि बिहार में रोजगार सृजन की तीव्र आवश्यकता थी। हम इससे मुकरने के बारे में नहीं सोच सकते, क्योंकि चुनाव में राजद के नेतृत्व वाले गठबंधन को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की तुलना में सभी 243 विधानसभा सीटों पर केवल 12000 वोट कम मिले थे। हमें लोगों ने अपना (भरपूर) आशीर्वाद दिया था।’’

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के उत्तराधिकारी माने जाने वाले तेजस्वी ने उनकी पार्टी के बारे में नकारात्मक धारणा फैलाने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को दोषी ठहराया। उन्होंने कहा कि उनके दल पर अक्सर बाहुबल के इस्तेमाल का आरोप लगाया जाता है। उन्होंने कहा, ‘‘समस्या यह है कि हम नहीं जानते कि खुद का प्रचार कैसे करें, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा-नीत सरकार अपने प्रचार-प्रसार में माहिर है।

फिर भी हमारी सरकार का प्रदर्शन देखने के बाद लोग इन (बाहुबल के इस्तेमाल के) आरोपों पर विचार करेंगे। जनता दल यू के इस आरोप पर कि भाजपा गठबंधन सहयोगी होने के बावजूद जद यू को विभाजित करने की कोशिश कर रही थी, अपनी सहमति व्यक्त करते हुए राजद नेता ने कहा कि नीतीश कुमार बहुत दबाव में थे। वे (भाजपा) कोशिश कर रहे थे कि बिहार में भी वैसा ही किया जाये, जैसा वे अन्य राज्यों में करते रहे हैं।

तेजस्वी ने कहा कि सत्ता में जद यू के साथ रहने के बावजूद केंद्र की भाजपा-नीत सरकार ने पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिये जाने जैसे छोटे अनुरोध को भी पूरा नहीं किया। उन्होंने दावा किया कि इसके लिए नीतीश कुमार ने सार्वजनिक रूप से प्रधानमंत्री से आग्रह किया था। उन्होंने कहा कि जब इतना छोटा काम नहीं हो सका तो बिहार को विशेष दर्जा एवं विशेष आर्थिक पैकेज दिये जाने और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए पैकेज तो भूल ही जाइए।

भाजपा नेताओं द्वारा कुमार और उनके पिता लालू प्रसाद के बीच की पुरानी तीखी नोकझोंक का हवाला दिए जाने के बारे में पूछे जाने पर तेजस्वी ने सवालिया लहजे में कहा कि नीतीश कुमार के खिलाफ इतना जहर उगलने के बाद भी उन्होंने 2017 में जद यू के साथ हाथ क्यों मिलाया था। उन्होंने कहा कि यहां तक कि प्रधानमंत्री ने भी उनके डीएनए में खराबी बताया था। उन्होंने कहा कि क्या यह (मोदी) वही प्रधानमंत्री नहीं हैं, जिन्होंने हाल ही में नीतीश कुमार को सच्चा समाजवादी बताया था। यादव ने कहा कि उन्हें खुश होना चाहिए कि मुख्यमंत्री अब वैचारिक समानता वाले साथियों के साथ मिलकर सरकार चला रहे हैं।

तेजस्वी ने आंतरिक विरोधाभासों के कारण सरकार के जल्द पतन की अटकलों को खारिज करते हुए कहा, ‘‘हम सभी मन से समाजवादी हैं। हम लड़ सकते हैं, लेकिन हम साथ रहेंगे।’’ वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव के बाद जद यू-राजद-कांग्रेस की महागठबंधन सरकार में उपमुख्यमंत्री का ओहदा संभाल चुके 33-वर्षीय राजद नेता ने कहा, ‘‘महागठबंधन शब्द तब अस्तित्व में आया था, जब नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद से हाथ मिलाया था। हम बहुत खुश हैं कि वह हमारे साथ वापस आ गये हैं।’’

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