बरेली: पढ़ाई छोड़ने वाले बच्चों को तलाश कर स्कूल में दाखिला कराएंगे शिक्षक

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बरेली, अमृत विचार। ड्राॅपआउट बच्चों को पढ़ाई के प्रति जागरूक करने के लिए मुहिम शुरू कर दी गई है। ऐसे बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ा जाएगा। ड्रॉपआउट बच्चों को खोजकर उनका स्कूल में दाखिला कराने के लिए स्कूल वार एक- एक शिक्षक की ड्यूटी लगाई गई है, जो स्कूल न आने वाले …

बरेली, अमृत विचार। ड्राॅपआउट बच्चों को पढ़ाई के प्रति जागरूक करने के लिए मुहिम शुरू कर दी गई है। ऐसे बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ा जाएगा। ड्रॉपआउट बच्चों को खोजकर उनका स्कूल में दाखिला कराने के लिए स्कूल वार एक- एक शिक्षक की ड्यूटी लगाई गई है, जो स्कूल न आने वाले बच्चों का ब्योरा जुटाने में लगे हैं। शिक्षा निदेशक बेसिक की ओर से इस संबंध में निर्देश दिए गए हैं।

ड्रॉप आउट बच्चों के प्रवेश पर शासन की ओर से प्रति छात्र 860 रुपये के हिसाब से स्कूलों को धनराशि मुहैया कराई जाएगी। शिक्षक पढ़ाई छोड़ने वाले बच्चों को सूची तैयार करने में जुट गए हैं। शिक्षक घर-घर जाकर इन बच्चों को दोबारा स्कूल भेजने के लिए अभिभावकों तैयार कर रहे हैं। उन्हें जागरूक कर रहे हैं। जिससे ड्राप आउट बच्चों की संख्या में कमी लाई जा सके।

40 या इससे अधिक दिनों तक स्कूल न आने वाले बच्चे ड्रापआउट की श्रेणी में आते हैं। इसके अलावा किसी वजह से जिन बच्चों ने पढ़ाई बीच में छोड़ दी है। यह सभी बच्चे ड्रॉप आउट माने जाएंगे। शासन की ओर से तीन साल पहले ड्राप आउट बच्चों को खोजकर दोबारा दाखिला देकर पढ़ाई के लिए शारदा योजना शुरू की गई थी। कोरोना के चलते दो साल से इस योजना का क्रियान्वयन सही नहीं हो पाया था। वर्तमान सत्र में इस योजना पर तेजी से काम चल रहा है।

शिक्षा से विमुख हो चुके और स्कूल छोड़ चुके बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए इस योजना की शुरुआत की गई है। इस संबंध में सभी प्रधानाध्यापकों को दिशा-निर्देश दे दिए गए हैं—विनय कुमार, बीएसए।

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