बहराइच: गिद्ध प्रकृति के सफाई कर्मी, इनका संरक्षण जरूरी

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बहराइच। सितंबर माह के पहले शनिवार को गिद्ध जागरूकता दिवस पर जागरूकता कार्यशाला का आयोजन हुआ। जिसमें आम लोगों को गिद्ध को बचाने और उनके संरक्षण के लिए जागरूक किया गया। कतर्नियाघाट फ्रेंड्स क्लब की ओर से शनिवार को तेजवापुर विकास खंड के ग्राम सभा के ग्राम तेजवापुर में गिद्धों के संरक्षण के प्रति जागरूकता …

बहराइच। सितंबर माह के पहले शनिवार को गिद्ध जागरूकता दिवस पर जागरूकता कार्यशाला का आयोजन हुआ। जिसमें आम लोगों को गिद्ध को बचाने और उनके संरक्षण के लिए जागरूक किया गया।

कतर्नियाघाट फ्रेंड्स क्लब की ओर से शनिवार को तेजवापुर विकास खंड के ग्राम सभा के ग्राम तेजवापुर में गिद्धों के संरक्षण के प्रति जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में उपस्थित ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कतर्नियाघाट फ्रेंड्स क्लब के अद्धयक्ष भगवान दास लखमानी ने कहा कि गिद्ध प्रकृति के सफाईकर्मी होते है, मरे हुए पशुओं के शवों को खाकर गिद्ध हमारे पर्यावरण को स्वच्छ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

इसलिए गिद्धों का संरक्षण करना आवश्यक है पशुओं के इलाज में प्रयोग की जाने वाली डाइक्लोफिनेक दवा के अंधाधुंध प्रयोग के कारण वर्ष 1990 से गिद्धों की संख्या में लगभग 99 प्रतिशत तक की कमी आ गई।

इसलिए सरकार ने इस दवा को वर्ष 2006 में प्रतिबंधित कर दिया है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में मेडिकल स्टोर से लोग मनुष्य को लगने वाली डाइक्लोफिनेक की मात्रा बढ़ाकर पशुओं को लगवा देते हैं, जिस कारण बचे खुचे गिद्धों पर भी खतरा है। अंत में लखमानी ने ग्रामीणों से पशुओं को इस दवा के स्थान पर फिप-बोलस का प्रयोग कर गिद्ध संरक्षण की अपील की।

ज्ञात हो कि वर्ष 2019 में बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी की सीनियर साइंटिस्ट अल्का दुबे ने लखमानी को बहराइच का जटायु संरक्षक बनाया था। इस अवसर पर क्लब सचिव राजीव श्रीवास्तव, सदस्य अमन लखमानी, सोनू शुक्ला, राजेश तिवारी, महेंद्र पाल मिश्रा, सोनू शुक्ला समेत अनेकों ग्रामीण पुरुष, महिलाएं एवं बच्चे मौजूद रहे।

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